दूरियां पाटने की कोशिश

On

मालदीव के विदेश मंत्री मूसा जमीर की पहली भारत यात्रा को भारत-मालदीव के बीच दूरियां कम करने की कोशिश के रूप में देखा जा रहा है। मालदीव हिंद महासागर क्षेत्र में भारत का प्रमुख समुद्री पड़ोसी देश है। विदेश मंत्री जमीर की यात्रा से दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय सहयोग को और गति मिलने की उम्मीद है। करीब छह महीने पहले राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू के पदभार संभालने पर दोनों देशों के बीच संबंधों में तनाव आने के बाद से मालदीव की ओ्र से यह पहली उच्च-स्तरीय यात्रा है। मुइज्जू जितने भारत विरोधी हैं, उतने ही चीन के समर्थक भी। हाल ही में मालदीव और चीन के बीच कई अहम समझौते भी हुए हैं।

राष्ट्रपति चुनाव के दौरान उन्होंने ‘इंडिया आउट’ का कैंपेन चलाया था। मुइज्जू ‘इंडिया आउट’ के नारे के दम पर चुनाव जीते थे और उन्होंने राष्ट्रपति बनते ही पहले तुर्की और फिर चीन की यात्रा की थी। मुइज्जू के मालदीव में तीन विमानन प्लेटफॉर्म का संचालन करने वाले लगभग 90 भारतीय सैन्यकर्मियों की वापसी पर जोर देने के बाद द्विपक्षीय संबंधों में तनाव में आ गया।

यह भी पढ़े - रूस के प्रति अपना समर्थन

इस बीच भारत ने अब तक अपने 51 सैनिकों को वापस बुला लिया है। राष्ट्रपति मुइज्जू ने अपने देश से सभी भारतीय सैनिकों की वापसी के लिए 10 मई की समय सीमा निर्धारित की है। ऐसे में मूसा जमीर की भारत यात्रा को कई मायनों में खास माना जा रहा है। विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि भारत-मालदीव संबंधों का विकास आपसी हितों, पारस्परिक संवेदनशीलता पर आधारित है। 1965 में जब मालदीव आजाद हुआ था, तो भारत उन देशों में शामिल था, जिसने उसे सबसे पहले मान्यता दी थी। 

गौरतलब है कि भारत कई अवसरों पर मालदीव के लिए सबसे पहले आगे बढ़कर मदद देने वालों में रहा है। भारत मालदीव को विकास सहायता देने वाले देशों में भी प्रमुख है। भारत की कई परियोजनाओं से मालदीव के लोगों को लाभ हुआ। इनमें बुनियादी ढांचा परियोजनाओं और सामाजिक पहल से लेकर चिकित्सा निकासी और स्वास्थ्य केंद्र तक शामिल हैं।

भारत ने अनुकूल शर्तों पर वित्तीय सहायता दी है। भारत के  सहयोग ने साझा गतिविधियों, उपकरण, क्षमता निर्माण और प्रशिक्षण के माध्यम से मालदीव की सुरक्षा और कल्याण को भी मजबूत किया है। हिंद महासागर की शांति और सुरक्षा दोनों के लिए महत्वपूर्ण है। हिंद महासागर को शांतिपूर्ण क्षेत्र बनाने के लिए मिलकर काम करना सभी के हित में है। भारत और मालदीव के रिश्तों के इतिहास को देखते हुए, उम्मीद है विदेश मंत्री जमीर का दौरा दोनों देशों के बीच संबंधों को मजबूती देगा। 

Ballia Tak on WhatsApp

Related Posts

Comments

Post A Comment