व्हाट्सऐप पर वायरल शिक्षक डायरी शिक्षकों को टीपना पड़ेगा भारी, शिक्षा विभाग ने लिया संज्ञान, सुरक्षित रखे जा रहे प्रिंट, होगी कार्रवाई

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लखनऊ (एक्सक्लूसिव)। बेसिक शिक्षा परिषद की ओर से संचालित प्राथमिक और जूनियर विद्यालयों में शिक्षकों की दी गई शिक्षक डायरी का मकसद अपने उद्देश्य से भटक गया है। विभाग को इस बात की जानकारी मिली है कि शिक्षक एक दूसरी की डायरी को ग्रुपों में वायरल कर रहे हैं और उसी से अन्य शिक्षक भी डायरी नकल करके अपनी डायरी बना रहे हैं। व्हाट्सऐप पर वायरल शिक्षक डायरी का संज्ञान विभाग ने लिया है। अमृत विचार को मिली जानकारी के मुताबिक विभाग ने अब इस वायरल डायरी का प्रिंट भी निकालना शुरू किया है। ताकि जांच कर इस पर एक्शन हो सके। अधिकारियों को निरीक्षण में शिक्षकों की शिक्षक डायरी अनिवार्य रूप से देखने के  निर्देश दिए भी दिए गये हैं। निरीक्षण में एक जैसी डायरी यदि पाई जाती है संबधिंत शिक्षक के खिलाफ भी कार्रवाई की जायेगी। 

शिक्षक डायरी का ये था उद्देश्य 

स्कूलों में शिक्षक डायरी वितरित किए जाने का एक खास उद्देश्य था। लेकिन इस उद्देश्य पर अब पानी फिरता नजर आ रहा है। मीडिया को अधिकारियों ने बताया कि इस डायरी में पढ़ाई को लेकर अपने-अपने तरह के प्लान नियमित लिखने होते हैं। जैसे किस दिन किस कक्षा को क्या पढ़ाना है? इसका पूरा ब्योरा दर्ज होना था। इसें बाद ही शिक्षक अपनी कक्षा में पढ़ा सकेंगे। शिक्षक डायरी नहीं बनाने वाले शिक्षकों के खिलाफ  कार्रवाई सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गये थे। दरअसल विभाग का उद्देश्य था कि अब सरकारी विद्यालयों में भी प्राइवेट स्कूलों की ही तर्ज पर व्यवस्था लागू हो सके। लेकिन अब ये व्यवस्था व्हाट्सऐप यूनिवर्सिटी में तैर रही है। 

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drt शिक्षक डायरी का लिखित प्रारूप इस तरह से हो रहा है वायरल

 
शिक्षक डायरी निजी दस्तावेज

अमृत विचार से बातचीत में बारे में शिक्षा विभाग के अधिकारी कहते हैं शिक्षक डायरी एक निजी दस्तावेज है। शिक्षकों को इसमें अपने-अपने शैक्षिक कार्य का ब्योरा, लेसन प्लान, बच्चों को हर दिन बेहतर पढ़ाने का तरीका जैसी जानकारी को दर्ज करना है। ताकि जब निरीक्षण में कोई अधिकारी आये तो उसे भी आसानी से जानकारी हो सके विद्यालय में पढ़ाई लिखाई कैसी चली है। 

वर्तमान में ये स्थिति

अधिकारियों ने अमृत विचार को बताया कि शिक्षकों की डायरी विभाग की ओर से दी गई है। लेकिन जब एक शिक्षक इस डायरी में अपने प्लान लिखना शुरू कर देतें है तो ये विद्यालय और उस शिक्षक से जुड़ा एक दस्तावेज हो जाता है। मौजूदा समय में इस डायरी को शिक्षकों के ग्रुपों  पर हर माह के अनुसार जमकर वायरल किया जाता है। विभाग का मानना है शिक्षक वायरल डायरी से देखकर अपनी डायरी भी तैयार कर लेते हैं ये गलत है। 

क्या कहतें हैं एडीबेसिक लखनऊ मंडल श्याम किशोर तिवारी

इस बारे में एडी बेसिक लखनऊ मंडल श्याम किशोर तिवारी ने अमृत विचार से बातचीत में बताया कि किसी शिक्षक को अपनी डायरी दूसरे शिक्षक से साझा नहीं करना चाहिए ये उसका अपना दस्तावेज है। इस डायरी में शिक्षकों को अपनी पढ़ाने की तैयारी, लेसन प्लान, बच्चों को बताई जाने एक्टिविटी, व नवाचार जैसे प्लान दर्ज करने चाहिए और हर शिक्षक को डायरी जरूर भरना चाहिए। मीडिया से बातचीत में एडीबेसिक न कहा कि जो शिक्षक ऐसा कर रहे हैं वह गलत है। इस  पर एक्शन लिया जायेगा। पूरे मंडल में खंड शिक्षा अधिकारियों को भी शिक्षक डायरी जांचने के आदेश दिए गये हैं। 

नकल नहीं अपनी डायरी बनायें शिक्षक

इस बारे में प्राथमिक शिक्षक प्रशिक्षित स्नातक एसोसिएशन की जिलाध्यक्ष लल्ली सिंह ने मीडिया से बातचीत में कहा कि किसी भी शिक्षक को दूसरे शिक्षक की डायरी देखकर नहीं बनानी चाहिए। अपनी डायरी अपने आप बनाना चाहिए। जो लोग ऐसा कर रहे हैं वह गलत है। उन्होने कहा कि विभाग की अच्छी पहल है कि जो शिक्षक डायरी दी गई है। 

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