अधिक मात्रा में दही का सेवन हो सकता है नुकसानदेय, जकड़न, जोड़ों का दर्द, सांस फूलने की हो….

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नई दिल्ली: दही में प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट, पोटेशियम, फास्फोरस, शुगर, कैल्शियम, आयरन मैग्नीशियम, विटामिन बी 6, विटामिन सी, विटामिन, विटामिन ए सहित बड़े ही गुणकारी तत्व पाए जाते हैं, जो शरीर के लिए जरूरी और फायदेमंद हैं। दही हर किसी की सेहत के लिए सही नहीं होता। कुछ लोगों को उनकी बीमारियों की वजह से या अधिक मात्र में दही लेने की वजह से नुकसानदेय भी हो सकता है, जिसके कारण शरीर में जकड़न, जोड़ों का दर्द, सांस फूलना, कब्ज सहित कई तरह की बीमारियां हो सकती हैं। डायटीशियन एक्सपर्ट के अनुसार दही में मौजूद कुछ ऐसे तत्त्व हैं जो कुछ लोगों के लिए परेशानी का कारण बन सकते हैं। ऐसे लोगों को दही से परहेज करना चहिए या कम मात्रा में खाना चहिए। दही में प्रचुर मात्रा में यूरिक एसिड पाया जाता है। इस कारण यूरिक एसिड के मरीजों को दही खाने से बचने की सलाह दी जाती है। ऐसा नहीं करने पर सूजन, गठिया का दर्द घुटनों का दर्द, जोड़ो का दर्द जैसी कई समस्याएं होने लगती हैं।

दही की तासीर ठंडी होती है इस कारण अस्थमा से ग्रशित लोगों को दही से परहेज रखना चहिए। ठंडी तासीर होने की वजह से सर्दी जुकाम की समस्या बढ़ जाती है। दही में प्रोबायोटीक्स होता है जो शरीर की गर्मी को ठीक करता है, लेकिन कई केसों में यह ब्लॉटिंग और गैस का कारण भी बनता है, क्योंकि दही देरी से पचता है। ऐसे में पेट फूलने लगता है, इसलिए ऐसे रोगियों को कम मात्रा में ही दही का सेवन करना चहिए या नहीं खाना चाहिए। दही में कई तरह की चीजें पाई जाती हैं जिनमें सैचुरेटेड फैट, एडवांस ग्लैकेशन की वजह से हड्डियों का घनत्व कम होता है और घुटनों का दर्द, सूजन जैसी समस्याएं बढ़ जाती हैं।
 

दही देर से पचता है इस कारण जिन लोगों को डाइजेशन की प्रॉब्लम होती है वो लोग दही का सेवन कम मात्रा में करें। ऐसा नहीं करने पर कब्ज की समस्या बनने लगती है। बता दें कि गर्मी के मौसम ने दस्तक दे दी है। ऐसे में बढ़ते तापमान और उससे होने वाली समस्याओं जैसे थकान, कमज़ोरी, पसीना स्किन प्रॉब्लम जैसी कई तरह की प्रॉब्लम गर्मियों के दिनों में होती हैं। ऐसे में लोग अपनी डाइट में ऐसी चीजों को शामिल करते हैं। जिनकी तासीर ठंडी होती है, ताकि शरीर को ठंडक मिल सके।

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