विश्वास की एकजुट शक्ति

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अयोध्या में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा का देश व दुनिया को लंबा इंतजार रहा। राम जन्मभूमि पर मंदिर में बहु प्रतिक्षित प्राण प्रतिष्ठा सोमवार को हो जाएगी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सभी धार्मिक अनुष्ठानों में शामिल होंगे। देश भर के साथ ही दुनिया भर में कुछ भारतीय दूतावासों में कार्यक्रम की लाइव स्क्रीनिंग की योजना बनाई गई है।

राम मंदिर राम से जुड़ी सांस्कृतिक और आध्यात्मिक विरासत को दर्शाता है और हिंदुओं के लिए अत्यधिक सांस्कृतिक और धार्मिक महत्व को प्रदर्शित करता है। धार्मिक आस्था का प्रतीक होने के साथ-साथ, श्री राम मंदिर एक अद्भुत वास्तुशिल्प कृति है। मंदिर का निर्माण भारतीय नागर शैली में किया जा रहा है। नागर शैली प्रमुख रूप से उत्तर भारत में मंदिर निर्माण शैली रही है। इस शैली के मंदिर हिमालय से विंध्याचल पर्वत के बीच बनाए गए हैं।

श्री राम जन्म भूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के कोषाध्यक्ष गोविंद देव गिरि ने कहा है कि राम मंदिर के निर्माण में अब तक 1,100 करोड़ रुपये से अधिक खर्च हो चुके हैं तथा काम पूरा करने के लिए 300 करोड़ रुपये की और आवश्यकता हो सकती है, क्योंकि अभी निर्माण पूरा नहीं हुआ है। कहा जा सकता है कि अपनी आधी-अधूरी अवस्था में भी इस मंदिर का महत्व भारत में किसी भी अन्य धार्मिक संरचना से बेजोड़ है।

अयोध्या राम मंदिर का उद्घाटन एक ऐतिहासिक मील का पत्थर है। प्राण प्रतिष्ठा समारोह का हिस्सा बनने के लिए कारपोरेट कंपनियों में होड़ रही। एक रिपोर्ट के मुताबिक राम मंदिर और पर्यटन बढ़ाने के लिए किए गए दूसरे उपायों से उत्तर प्रदेश सरकार को अगले वित्तीय वर्ष में 25,000 करोड़ रुपये की अतिरिक्त कमाई होने का अनुमान है।

प्रधानमंत्री मोदी की ‘एक भारत श्रेष्ठ भारत’ पहल इस मंदिर के साथ गहराई से जुड़ी दिखती है। मंदिर निर्माण से पूरे देश को एकता के सूत्र में बांधने और भारत को सुपर साफ्ट पावर के रुप में उभारने में मदद मिलेगी। आर्थिक और सैन्य शक्ति के अलावा, सॉफ्ट पावर का विचार पिछले कुछ दशकों के दौरान आकर्षण का केंद्र बना है। आध्यात्मिकता, योग, दर्शन, धर्म आदि के साथ-साथ अहिंसा, लोकतांत्रिक विचार आदि भारत के सॉफ्ट पॉवर के प्रमुख उदाहरण हैं।

भारतीय कला, संस्कृति, विभिन्न प्रकार के व्यंजन, त्योहार, संगीत और नृत्य आदि ने सदियों से दुनिया भर के लोगों को आकर्षित किया है। राम मंदिर अयोध्या में विश्वास की एकजुट शक्ति का जीवंत प्रमाण है। साथ ही भारत की आध्यात्मिक विरासत के रूप में, यह मंदिर अयोध्या को भारत की आध्यात्मिक राजधानी बनाने में अहम भूमिका निभाएगा।

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