UP News: केवाईसी अपडेट कराने के नाम पर लाखों रूपये की ठगी करने वाले गैंग का मास्टर माइंड गिरफ्तार
प्रयागराज: साइबर क्राइम थाने की पुलिस ने केवाईसी अपडेट करने के नाम पर बैंक डिटेल लेकर लाखों रुपए की ठगी करने वाले अंतर्राज्यीय गिरोह के मास्टरमाइंड को गिरफ्तार करने में सफलता हासिल की है।
प्रयागराज: साइबर क्राइम थाने की पुलिस ने केवाईसी अपडेट करने के नाम पर बैंक डिटेल लेकर लाखों रुपए की ठगी करने वाले अंतर्राज्यीय गिरोह के मास्टरमाइंड को गिरफ्तार करने में सफलता हासिल की है।
विगत वर्षो से शातिर साइबर अपराधियो द्वारा केवाईसी अपडेट कराने के नाम पर बैंक डिटेल व गोपनीय जानकारी प्राप्त कर रूपये की ठगी की जा रही है। इसी क्रम में साइबर क्राइम थाना प्रयागराज पर आवेदिका डा0 नीलम सिंह द्वारा सूचना प्राप्त हुई कि आवेदिका के आईआईसीआई बैंक खाते की केवाईसी अपडेट कराने के नाम पर तीन लाख इकतालिस हजार नौ सौ सतहत्तर रूपये निकाल लिये गये। जिस पर थाना साइबर क्राइम में मुकदमा दर्ज कर विवेचना में तकनीकी संसाधनो का प्रयोग करते हुये अज्ञात साइबर ठगो के बारे में जानकारी प्राप्त की गई तो पता चला की उक्त मुकदमें में पश्चिम बंगाल व झारखंड का गैंग सम्मिलित है। विवेचना के दौरान घटना में प्रयुक्त मोबाइल नम्बरों, बैंक खाता विवरणों आदि का डाटा एकत्रित कर गहन विश्लेषण किया गया तथा तकनीकी संसाधनो से प्राप्त जानकारी के आधार पर साक्ष्य संकलन कर ठगी करने वाले अन्तर्राज्यीय गैंग के मास्टर माइंड कामेश्वर मंडल पुत्र पोखन मंडल निवासी वर्तमान पता 2142 पूर्बा पुटियारी, दक्खिन पारा, रिजेन्ट पार्क पुलिस स्टेशन, कोलकाता को गिरफ्तार किया गया। गैंग द्वारा प्रयोग किये जा रहे बैंक खातों को फ्रीज कराया जा रहा है, व आनलाइन खरीदे फोन जिन्हे मार्केट में बेचा गया था उन्हें बरामद किया गया हैं। प्रकाश में आये अन्य संलिप्त अभियुक्तो की तलाश की जा रही है।
पुलिस के अनुसार कामेश्वर ने बताया कि हम लोगो द्वारा पुलिस से बचने के लिये फर्जी नाम पता से अन्य राज्यों से सिम प्राप्त कर ट्रूकालर पर इस नम्बर को बैंक कस्टमर केयर के नाम से सेव कर देते है जिससे फोन करने पर ट्रूकालर में कस्टमर केयर का नाम दिखता हैं। तत्पश्चात उक्त नम्बर का गूगल एड लगवाते है तथा बैंक अधिकारी / कस्टमर केयर बनकर पहले से ही हार्ड डिस्क में तैयार कर रखी गयी मो0 नं0 रैंडम सिरीज पर फोन काल करते है तथा खाता बंद होने का डर दिखाते है । जब इसमे कोई खाता धारक झांसे में आ जाता है तो उसके बैंक की डिटेल /ओटीपी प्राप्त कर कर लेते है तथा कभी कभी रिमोट एक्सेस एप भी इंस्टाल करवाते हैं क्योंकि कोई कोई खाता धारक ओटीपी नही बताना चाहता है। उसके पश्चात ठगी की घटना को अंजाम देते हैं। ठगी करने के उपरांत कालिंग नम्बर के सिम को तोड़ कर फेंक देते हैं। खाते से पैसे गायब कर आनलाइऩ मोबाइल खरीदारी कर लेते हैं और उसे मार्केट में डिब्बे की सील तोड़कर सेकेण्ड हैण्ड बता कर कम कीमत पर मोबाइल दुकानदारो को फर्जी बिल बनाकर बेच देते हैं और प्राप्त पैसे को हम आपस में बाट लेते हैं। गिरफ्तारी करने वाली टीम में प्रभारी निरीक्षक मो0 आलमगीर, क0 आ0 ग्रेड ए जय प्रकाश सिंह, मुख्य आरक्षी पंकज कुमार, आरक्षी अतुल त्रिवेदी, आरक्षी अनुराग यादव व प्रदीप कुमार यादव शामिल थे।
Comments