Pilibhit News: 12 मौत के बाद भी डग्गामारी, जिम्मेदारों को नहीं दिखती नियतन से अधिक सवारी

पीलीभीत: पड़ोसी जनपद शाहजहांपुर में कंटेनर-ऑटो की टक्कर में 12 लोगों की जान चली गई। शासन स्तर तक हादसे की गूंज पहुंची और मुख्यमंत्री ने भी शोक संवेदनाएं व्यक्त की। वहीं, हादसे के बाद नियतन से अधिक सवारियां बैठाए जाने की बात भी सामने आई है। ये हादसा भले ही गैरजनपद में हुआ है, लेकिन डग्गामारी को लेकर बरती जा रही परिवहन और यातायात पुलिस की लापरवाही की ओर खुलकर इशारा कर गई है।

 पीलीभीत की सड़कों पर दौड़ रहे ऑटो, टेंपो, मैजिक समेत अन्य सवारी वाहनों की बात करें तो हालात यहां भी बेहतर नहीं कहे जा सकते। आलम ये है कि सड़कों पर खुलकर डग्गामारी की जा रही है। मगर जिम्मेदारों को इन सवारी वाहनों में नियतन से अधिक सवारियां नहीं दिख रहीं। चंद चालान कर औपचारिकता निभाई जा रही है।

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वैसे तो पुलिस का यातायात माह नवंबर अभियान हो  या फिर परिवहन विभाग का सड़क सुरक्षा पखवाड़ा..। सड़क हादसों की रोकथाम के लिए चेकिंग कर डग्गामारी करने वाले वाहनों पर कार्रवाई का दावा किया जाता है। नियम है कि टेंपो में 06, मैजिक में 09 सवारियां ही बैठाई जा सकती है। लोडर वाहनों में सवारियां बैठाए जाने पर प्रतिबंध है। 

मगर ये सब नियम कागजों में ही पालन होते नजर आ रहे हैं।  बीसलपुर, पूरनपुर, माधोटांडा, घुंघचिहाई, बरखेड़ा, बरेली, जहानाबाद, अमरिया, मझोला -न्यूरिया आदि मार्गों पर दिन भर नियमों को धता बताते हुए वाहन दौड़ते नजर आएंगे। शाहजहांपुर में हुए सड़क हादसे के बाद जिले में भी परिवहन विभाग के अधिकारियों की ओर से चेकिंग कराई जा रही थी। 

जिसमें ओवरस्पीड, ओवरलोडिंग होने पर कार्रवाई के दावे भी किए गए। मगर की गई कार्रवाई औपचारिकता से अधिक नहीं रही। विभिन्न मार्गों पर दौड़ रहे सवारी वाहनों में नियतन से अधिक सवारियां ढोई जाती रही। कहीं पायदान पर सफर होता रहा तो कहीं सवारियां ठूंसकर भर दी गई।  सवारियां जोखिम भरा सफर करने को मजबूर दिखाई दी।

दृश्य एक: अमरिया चौराहा
शाहजहांपुर में हुए  हादसे के बाद भी जिम्मेदार सबक लेते नहीं दिखाई दिए। अमरिया तहसील क्षेत्र में किसी तरह की सख्ती नहीं दिखी। रोजाना की तरह अमरिया स्टैंड के पास सवारियां वाहनों का इंतजार कर रही थी। कुछ टेंपो, मैजिक और डीसीएम इत्यादि वाहन सवारियों को लेकर जा रहे थे। आलम यह था कि अमरिया से पीलीभीत आने वाले टेंपो में किसी में 12 तो किसी में उससे भी अधिक सवारियां बैठाई जाती रहीं।  

चालक की सीट पर ही सवारियां भी बैठी दिखी। एक वाहन में तो बालक लोहे के एंगिल पर बैठकर सफर करता रहा। सितारगंज जाने वाली सवारियां रोडवेज न होने के चलते डीसीएम, ट्रक आदि से सफर करने को मजबूर दिखीं। 22 किमी का सफर करते हुए अमरिया से ऑटो-टेंपो और मैजिक पीलीभीत तक आ गए लेकिन कार्रवाई नहीं हो सकी।

दृश्य दो : बारहपत्थर चौराहा
बीसलपुर में बढ़ी संख्या में रोजाना बरहा पत्थर चौराहा से सवारी वाहन सवारियां लेकर गंतव्य को निकलते हैं। प्राइवेट बसें, रोडवेज, टेंपो, मैजिक और अन्य वाहनों का संचालन होता है। यहां भी कोई चेकिंग आदि नहीं दिखी। बरेली, शाहजहांपुर, बिलसंडा और पीलीभीत को जाने वाले वाहनों में नियमों का पालन नहीं दिखा। 

बिलसंडा के लिए सवारियां लेकर जा रहे टेपों में करीब 13 सवारियां बैठाई गई। जबकि इस रुट पर ही बीसलपुर थाना और आगे चौकी है। मगर जिम्मेदार इसे लेकर कार्रवाई करने के बजाय बेफ्रिक दिखाई दिए। बिलसंडा को जा रहे सवारी रामलाल ने बताया कि इस रुट पर रोडवेज सेवा है नहीं। ऐसे में इन डग्गामार वाहन में सफर करना मजबूरी है।

दृश्य तीन: टनकपुर हाईवे
ग्रामीण क्षेत्र के अलावा शहरी इलाकों में भी डग्गामार वाहनों का बोलबाला है। टनकपुर हाईवे पर टेंपो मैजिक नहीं बल्कि ट्रैक्टर-ट्रॉली में सवारियां बैठी दिखाई दी। जबकि पूर्व में कर्मिशियल वाहन में सवारियों ढोने को लेकर कार्रवाई की गई थी। ट्रैक्टर- ट्रॉली में 10 से 15 सवारियां बैठी दिखी। जिसमें अधिकतर सवारियां खड़े होकर सफर कर रही थी। महिलाएं ट्रॉली के ढाले पर बैठी दिखी। इसके अलावा नौगवां चौराहा, असम चौराहा, बीसलपुर रोड, पूरनपुर रोड पर भी टेंपो मैजिक में क्षमता से अधिक सवारियां बैठाकर सफर करते दिखे। जबकि पूरनपुर हाईवे पर ही एआरटीओ चेकिंग कर रहे थे।

जून 2022 में पीलीभीत में चली गई थी 11 जान
वैसे तो ओवरलोड होने की वजह से अनियंत्रित होकर कई बार सवारी वाहन पलट चुके हैं। जिसमें एक-दो या फिर तीन की मौत होती रही है। 2022 जून माह में असम हाईवे पर गजरौला थाना क्षेत्र में सड़क हादसा हुआ था। जिसमें हरिद्वार से स्नान कर लौट रहे लोगों की पिकअप पेड़ से टकरा गई थी। इस भीषण हादसे में 11 लोगों की जान चली गई थी।

जबकि आधा दर्जन घायल हुए थे। इसके अलावा फरवरी 2023 में बीसलपुर तहसील क्षेत्र से शादी समारोह में शामिल होकर वापस जहानाबाद में जा रहे घ्ररातियों से भरी ट्रैक्टर टॉली पलट  गई थी। इस हादसे में दो लोगों की मौत हो गई थी जबकि 19 लोग घायल हुए थे।  इस तरह के कई हादसों के बाद भी नियमों का पूर्णतया पालन नहीं कराया जा सका है।

डग्गामार वाहनों के खिलाफ निरंतर अभियान चलाकर कार्रवाई भी की जा रही है।  पूर्व में करीब आठ से दस लाईसेंस का भी निलंबन किया गया है। गुरुवार को भी पूरनपुर हाईवे पर अभियान  चलाया गया था। जिनके खिलाफ कार्रवाई की गई है--- वीरेंद्र सिंह, एआरटीओ परिवहन विभाग।

Edited By: Ballia Tak

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