मुजफ्फरनगर दंगे: लूट और आगजनी मामले में आठ आरोपी बरी

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मुजफ्फरनगर। उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर की एक स्थानीय अदालत ने वर्ष 2013 में हुए मुजफ्फरनगर दंगों के दौरान उनके खिलाफ दर्ज लूट और आगजनी के मामले में सुबूतों के अभाव में आठ लोगों को बरी कर दिया है। अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश अलका भारती ने शनिवार को आठ अभियुक्तों आजादपाल, जितेंद्र, पारुल, विकास, गौरव, कुलदीप, संजय और मिथलेश को लूट और आगजनी के मामले में सुबूतों के अभाव में बरी कर दिया।

अदालत ने कहा कि अभियोजन पक्ष अपने आरोप साबित करने में विफल रहा है। बचाव पक्ष के अधिवक्ता प्रदीप कुमार मलिक के अनुसार, आठ सितंबर 2013 को अकरम नामक व्यक्ति ने मुकदमा दर्ज कराया था, जिसमें आरोप लगाया गया था कि दंगाइयों ने फुगाना पुलिस स्टेशन के अंतर्गत लिसाढ़ गांव में उसके घर में घुसकर आग लगा दी थी और सामान लूट लिया था।

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विशेष जांच दल (एसआईटी) ने इस मामले में नौ आरोपियों के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल किया था। मामले की सुनवाई के दौरान 2016 में एक आरोपी ऋषिपाल की मृत्यु हो गई। सितंबर 2013 के मुजफ्फरनगर दंगों के दौरान 60 से अधिक लोग मारे गए थे और हजारों से अधिक लोग विस्थापित हुए थे।

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