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Moradabad Crime: रिश्वतखोर दरोगा के खिलाफ एक और FIR, मिली 25.61 लाख की अवैध संपत्ति
मुरादाबाद: मझोला थाने में तैनात रहा रिश्वतखोर दरोगा के पास भ्रष्टाचार निवारण संगठन (एंटी करप्शन ब्यूरो) को 25.61 लाख रुपये से अधिक की अवैध संपत्ति मिली है। बताया जा रहा है कि मझोला थाने में अपनी तैनाती अवधि में दरोगा जितेंद्र सिंह तोमर बिना सुविधा शुल्क लिए कोई भी काम नहीं करता था। वह पद एवं दायित्व को किनारे कर वह काम भी करता था, जो विभागीय नियमावली के विरुद्ध हैं।
एंटी करप्शन ब्यूरो के इंस्पेक्टर मोहम्मद इश्तियाक ने मझोला थानाध्यक्ष को बताया है कि आय से अधिक संपत्ति की जांच में पता चला है कि आरोपी दरोगा जितेंद्र सिंह तोमर पुत्र जगदीश सिंह ने निर्धारित अवधि में शुद्ध वेतन, बोनस, एरियर, बीमा पॉलिसी, ब्याज से हुई आय से ज्ञात आय के वैध स्रोतों से कुल 63,53,348 रुपये आय अर्जित की है। जबकि इसी अवधि में आरोपी ने चल-अचल संपत्ति, निवेश, पारिवारिक भरण-पोषण व अन्य मदों पर कुल 89,15,205 रुपये खर्च किए हैं।
इस तरह निर्धारित की गई अवधि में दरोगा से ज्ञात व वैध स्रोतों से अर्जित की गई आय के मुताबिक उसने 25,61,857 रुपये अर्थात 40.32 प्रतिशत अधिक व्यय किया गया है, जो उसकी ज्ञात व वैध स्रोतों से अर्जित आय से अधिक है। वैसे इस मामले में एंटी करप्शन ब्यूरो के इंस्पेक्टर मोहम्मद इश्तियाक ने आरोपी दरोगा को नोटिस जारी कर स्पष्टीकरण मांगा था लेकिन, उसने कोई जवाब नहीं दिया है। ऐसे में स्पष्ट हो गया है कि आरोपी दरोगा ने 25,61,857 रुपये की चल-अचल संपत्ति अवैध तरीके से अर्जित की है।
इस मामले में दरोगा ने ब्रह्मपाल सिंह से ली थी रिश्वत
रिश्वतखोर दरोगा जितेंद्र सिंह तोमर 2019 में मझोला थाने की नया गांव मुरादाबाद चौकी पर इंचार्ज था। इसने ठाकुरद्वारा थाना क्षेत्र के रामपुर घोघर गांव के ब्रह्मपाल सिंह से 10,000 रुपये की रिश्वत ली थी। ब्रह्मपाल के बेटे संजीव कुमार ने पत्नी से नाराज होकर पंखे से लटक कर आत्महत्या कर ली थी। वह नया मुरादाबाद स्थित सेक्टर-13 में पत्नी रीना के साथ किराए पर रहता था। आत्महत्या का मामला मझोला थाने में मृतक संजीव की पत्नी रीना, महावीर, कमलेश और एक अज्ञात के खिलाफ दर्ज हुआ था।
इसकी जांच दरोगा जितेंद्र तोमर कर रहा था। ब्रह्मपाल ने आरोपियों की गिरफ्तारी की मांग की थी तो दरोगा ने रिश्वत में 10,000 रुपये की मांग की थी। ब्रह्मपाल ने जैसे-तैसे करके बहनोई सुशील से तीन हजार रुपये उधार लेकर दारोगा को दे दिए थे। लेकिन, वह नहीं माना था तो पीड़ित ने तत्कालीन एसएसपी अमित पाठक से शिकायत की थी। फिर दारोगा उन्हें परेशान करने लगा था। फिर ब्रह्मपाल ने एंटी करप्शन टीम से संपर्क साधा। एंटी करप्शन टीम के कहने पर ब्रह्मपाल ने दरोगा को 10,000 रुपये देने को राजी हुए थे। ब्रह्मपाल ने बेटे सचिन और बहनोई सुशील कुमार के साथ गागन तिराहे पर मिठाई की दुकान पर पहुंचे थे, जहां दारोगा जितेंद्र तोमर को बुलाया और उसे 10,000 रुपये दिए। उसी दौरान उसे एंटी करप्शन टीम ने दबोच लिया था।