Up Primary Teacher: फर्जी दस्तावेजों के आधार पर नियुक्ति पाने वाला शिक्षक सहानुभूति का पात्र नहीं-हाईकोर्ट

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लखनऊ:  इलाहाबाद हाईकोर्ट ने प्राथमिक विद्यालय के शिक्षक की नियुक्ति रद्द करने के आदेश को बरकरार रखते हुए कहा कि फर्जी शैक्षणिक दस्तावेजों के आधार पर शिक्षक के रूप में नियुक्ति प्राप्त करने वाला व्यक्ति किसी भी तरह की सहानुभूति का हकदार नहीं है। उसके साथ सख्ती से निपटने की आवश्यकता है। उक्त आदेश न्यायमूर्ति सौरभ श्याम शमशेरी की एकलपीठ ने शिवकुमार मिश्र की याचिका को खारिज करते हुए पारित किया है।

मामले के अनुसार वर्ष 2005 में देवरिया के प्राथमिक विद्यालय हरनाही चकरवा बहोरदास में सहायक अध्यापक के रूप में याची की नियुक्ति हुई थी। बाद में वर्ष 2008 में हेड मास्टर के रूप में उसका प्रमोशन हुआ था। वर्ष 2015 में शिकायत के आधार पर उसकी जांच शुरू हुई। विभाग के अधिवक्ता ने याचिका का विरोध करते हुए कहा कि याची को कई नोटिस जारी किए गए थे, लेकिन उन्होंने कभी भी पूछे गए प्रश्नों का उचित जवाब नहीं दिया।

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जांच आगे बढ़ी और पुलिस रिपोर्ट के आधार पर आरोप सही पाए गए। अंत में कोर्ट ने कहा कि धोखाधड़ी सभी गंभीर कार्यों को बिगाड़ देती है। याची ने कोई ऐसा दस्तावेज प्रस्तुत नहीं किया जो जांच अधिकारी के साथ-साथ अनुशासनात्मक प्राधिकारी द्वारा दिए गए निष्कर्ष का खंडन कर सके कि याची द्वारा नियुक्ति के समय फर्जी दस्तावेज दिए गए थे।

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