मुंडन संस्कार : बलिया डीएम के आदेश का गंगा घाटों पर इस तरह रहा असर

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रामगढ़, बलिया समाचार : मुंडन संस्कार में मालदेपुर गंगा घाट पर हुए नाव हादसे को लोग तब तक नहीं भूले हैं, तब तक गंगा घाटों पर मुंडन संस्कार के लिए बुधवार को फिर भीड़ उमड़ पड़ी.

रामगढ़, बलिया समाचार : मुंडन संस्कार में मालदेपुर गंगा घाट पर हुए नाव हादसे को लोग तब तक नहीं भूले हैं, तब तक गंगा घाटों पर मुंडन संस्कार के लिए बुधवार को फिर भीड़ उमड़ पड़ी. हालांकि जिलाधिकारी के सख्त आदेश का पालन होता दिखाई दिया। घाटों पर चलने वाली दर्जनों नावें घाट से गायब थीं, जिसका सीधा सा मतलब है कि इलाके में कोई पंजीकृत नावें नहीं हैं. फलत: लोग आए और मां गंगा में डुबकी लगाने के साथ ही पूजन-अर्चन के बीच मुंडन संस्कार संपन्न कराकर लौट गए।

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 ज्ञात हो कि मालदेपुर गंगा घाट पर मुंडन संस्कार के दौरान नाव दुर्घटना में चार लोगों की मौत हो गयी थी. मामले में दो नाविकों को गिरफ्तार किया गया है। उधर, नाव हादसे को लेकर जिलाधिकारी रविंद्र कुमार बेहद गंभीर हैं. जिलाधिकारी ने घटना वाले दिन ही उत्तर प्रदेश नाव सुरक्षा एवं नाविक कल्याण नीति-2020 के तहत जिला स्तर पर नाव दुर्घटना से बचाव के संबंध में विस्तृत दिशा निर्देश जारी किया था. उन्होंने आदेश दिया है कि जिले में पंजीकृत नावों के अलावा किसी भी नाव का संचालन नहीं किया जायेगा. पंजीकृत नाव की सुरक्षा जांच के बाद अधिकतम भार क्षमता, यात्रियों की संख्या, नाविक का नाम, नाव मालिक का नाम और नाव की अंतिम निरीक्षण तिथि स्पष्ट रूप से पढ़ने योग्य आकार में पीले रंग से प्रत्येक नाव पर लिखी जाएगी।

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 नावों की अधिकतम भार क्षमता का कड़ाई से पालन किया जाना चाहिए और नाव के पानी के अंदर के अधिकतम भाग को पीले रंग से दर्शाया जाना चाहिए। नाव पर लाइफ जैकेट और अन्य आवश्यक उपकरण की उपलब्धता सुनिश्चित करें। सभी नाविक लाइफ जैकेट पहनकर नाव पर सवार हुए। नाव चलाते समय मोबाइल फोन के प्रयोग और नाव पर सेल्फी आदि लेने पर रोक लगाई जाए। नाव पर सुरक्षा के मद्देनजर लाइफ बॉय और लाइफ जैकेट भी पर्याप्त मात्रा में रखे जाएं। साथ ही नाव में तैरने के उपकरण भी उपलब्ध होने चाहिए। किसी भी स्थिति में क्षमता से अधिक यात्रियों को नाव में नहीं बैठाना चाहिए। खराब मौसम या तेज हवा में नाव का प्रयोग प्रतिबंधित रहेगा। नदी तट पर कोई भी कार्यक्रम आयोजित करने से पूर्व संबंधित थाने को सूचित करना अनिवार्य होगा। सूत्रों की माने तो मुंडन संस्कार के लिए बुधवार को घाट पर उमड़ी भीड़ की सूचना क्षेत्रीय थाने को नहीं दी गई थी. हालांकि पुलिस मौके पर थी, जिसे थानाध्यक्ष ने बढ़ती भीड़ को देखते हुए स्वत: ही संज्ञान में ले लिया.

सेल्फी और जम्पिंग प्वाइंट बना प्लेटफार्म

हल्दी थाना क्षेत्र के तहत गंगा नदी के हुकुम छपरा घाट पर जहाज को रोकने के लिए बनाया गया मंच मुंडन संस्कार के लिए आने वाले लोगों के लिए सेल्फी प्वाइंट और जंपिंग प्लेटफॉर्म जैसा बन गया है. मंच पर चढ़कर युवक गंगा नदी में छलांग लगाते नजर आए। वही युवक-युवती सेल्फी लेते नजर आए। चबूतरे के पास बहुत गहरा पानी होने के कारण लोगों के कूदने से किसी अप्रिय घटना से इंकार नहीं किया जा सकता है। सबसे बड़ा सवाल यह है कि स्थानीय पुलिस किसको क्या समझाए? मुंडन संस्कार के जोश में लोग खतरों को भी भूल जाते हैं, जो हादसे का सबब बन जाता है।

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