बलिया पहुंचा सीआरपीएफ जवान का पार्थिव शरीर:सीमा पर ड्यूटी के दौरान बदमाशों ने की थी हत्या, अंतिम दर्शन को उमड़ी भीड़

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Ballia: अरुणाचल-असम की सीमा पर मिशन ड्यूटी के दौरान तैनात सीआरपीएफ के जवान की बदमाशों ने चाकू मारकर हत्या कर दी गई। इसके बाद तिरंगे में लिपटे जवान का शव गांव पहुंचते ही जहां परिजनों में कोहराम मच गया, वहीं गांव का माहौल गमगीन हो गया।

जवान‌ का‌ शव आने की खबर मिलते ही जो जहां था वहीं से उनके दरवाजे की तरफ दौड़ पड़ा। आलम यह था कि लोगों को भीड़ को संभालना मुश्किल हो गया। हर कोई अपने लाडले जवान के अंतिम दर्शन पाने को बेताब था। सीआरपीएफ के आईजी, डीएम बलिया आदि शव के साथ गांव पहुंचे हैं।

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असम-अरुणाचल की सीमा पर हुई थी हत्या

बत दें कि यूपी के बलिया ज़िले अन्तर्गत रेवती थाना क्षेत्र के रामपुर दीघार गांव निवासी और सीआरपीएफ में अरुणाचल-असम प्रदेश सीमा पर तैनात जवान‌ की हत्या बाइक सवार बादमाशों ने चाकू मारकर कर दी थी। असम-अरूणाचल प्रदेश सीमा पर चेक गेट पर 6 सितंबर को बोर्डुम्सा में बाइक सवार बदमाशों ने घटना को अंजाम दिया। उक्त घटना सीसीटीवी कैमरे में कैद हो गई थी।

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सादे वेश में ड्यूटी पर तैनात थे जवान सुनील

सीआरपीएफ जवान सुनील कुमार पांडेय की तैनाती अरुणाचल में थी। परिजनों ने बताया कि सुनील अन्य कर्मियों के साथ सादे वेश में उक्त स्थल पर ड्यूटी पर तैनात थे। इसी बीच बाइक से पहुंचे दो बादमाशों ने सुनील को चाकू मार दिया। घटना के पश्चात बाइक सवार बादमाश फरार हो गए। सुनील को आनन-फानन में कम्युनिटी हेल्थ सेंटर पहुंचाया गया, जहां चिकित्सकों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। जिस इलाके में उन्हें चाकू मारा गया, वह सीमा पर असम के तिनसुकिया में माधापुर बाजार के पास था।

शव पहुंचते ही बेसुध हुई पत्नी

ताबूत में रखा जवान का‌ शव घर पहुंचते ही पत्नी अर्चना बेसुध हो गई। एक तरफ पति के शव के साथ लिपटकर अर्चना बेसुध हो रही थी वहीं दूसरी तरफ 12 वर्षीय बेटा सत्यम और सात वर्षीय बेटा अनमोल पिता के शव को देख बिलख पड़े। बुजुर्ग पिता रामनाथ पाण्डेय की आंखें शून्य को देख रही थीं। बड़े भाई अनिल का रोते-रोते बुरा हाल था। माता विद्यावती देवी रोते हुए बार-बार यह कह रही थी कि हे भगवान मेरे बेटे की जगह मुझको क्यों नहीं उठा लिया।

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घर का एक मात्र कमाऊ सदस्य थे जवान सुनील

सीआरपीएफ में तैनात जवान सुनील घर के एकमात्र कमाऊ सदस्य थे। पिता रामनाथ पाण्डेय और बड़े भाई अनिल पाण्डेय गांव पर खेती करते हैं। 12 वर्षीय बड़ा लड़का सत्यम कक्षा सात में और छोटा लड़का सात वर्षीय अनमोल कक्षा तीन में जिला मुख्यालय स्थित सेंट जेवियर्स स्कूल में पढ़ते हैं। सुनील के पिता रामनाथ, भाई अनिल, माता और दोनों बेटों का रोते-रोते बुरा हाल है। पत्नी अर्चना की स्थिति यह है कि पति के गम में वह बेहोश हो जा रही है।

इलाहाबाद ग्रुप सेण्टर से 2007 में हुई थी भर्ती

सीआरपीएफ जवान सुनील पांडेय की भर्ती 20 सितंबर 2007 को इलाहाबाद ग्रुप सेंटर से हुई थी। तत्पश्चात 117 बटालियन, 197 बटालियन में कार्य करते हुए 28 फरवरी 2020 से 186 बटालियन में अब तक ड्यूटी पर तैनात थे, जहां असम-अरूणाचल की सीमा पर मिशन ड्यूटी के दौरान बदमाशों ने सुनील की हत्या कर दी थी।

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