निर्माण के 6 साल बाद बलिया का ट्रामा सेंटर शुरू होगा

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जिला अस्पताल के सीएमएस डॉ. दिवाकर सिंह के मुताबिक ट्रॉमा सेंटर आंशिक रूप से ही चालू है.

बलिया के ट्रॉमा सेंटर में छह साल पहले बनकर तैयार हुए ट्रामा सेंटर में तेजी लाने की कवायद तेज हो गई है। इस ट्रॉमा सेंटर में जल्द ही गंभीर मरीजों का इलाज शुरू हो जाएगा। इससे जिले के निवासियों को सुविधा की दृष्टि से काफी लाभ होगा।

आप लोगों को बता दें कि बलिया सहित 10 जिलों में अब सरकार द्वारा ट्रॉमा सेंटर बनवाए जाएंगे. इस चुनाव के कारण भी काम शुरू हुआ। ट्रॉमा सेंटर, जो 2016 में समाप्त हो गया था और वर्तमान में जिला अस्पताल के मैदान में स्थित है।

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ट्रॉमा सेंटर में आधुनिक चिकित्सा तकनीक मौजूद है, लेकिन आईसीयू वार्ड और अन्य सुविधाएं नदारद हैं। जिले में चिकित्सकों की भारी कमी है। नतीजा अस्पताल प्रबंधन स्टाफ और विशेषज्ञ चिकित्सकों की कमी का खामियाजा भुगत रहा है।

ग्रामीण क्षेत्रों में सीएचसी और पीएचसी में तैनात एनेस्थेसियोलॉजिस्ट, सर्जन, आर्थोपेडिक सर्जन, नर्स और अन्य स्टाफ सदस्य अब इस मुद्दे के परिणामस्वरूप ट्रामा सेंटरों में तैनात किए जाएंगे। सरकार ने ट्रामा सेंटर के लिए कुछ महीने पहले चार चिकित्सकों को रखा था, जिनमें दो आर्थोपेडिक चिकित्सक (डॉ. गौरव राय और मल्ला) और एक आपातकालीन चिकित्सा चिकित्सक (डॉ. पंकज कुमार) शामिल थे।

जिला अस्पताल को सीएमओ स्तर से 13 स्टाप नर्स, 10 वार्ड बॉय, 1 डीआरए व 2 एक्स-रे टेक प्राप्त हो चुके हैं। अन्य तैयारियां हो जाने के बाद ट्रॉमा सेंटर का संचालन शुरू हो जाएगा। ट्रॉमा सेंटर में गंभीर मरीजों को 24 घंटे इलाज की सुविधा शुरू करने के लिए अस्पताल प्रबंधन ने सरकार को आईसीयू वार्ड, विशेषज्ञ चिकित्सकों, एनेस्थीसिया समेत अन्य पड़ावों की मांग भेजी है.

इस ट्रॉमा सेंटर के खुलने से सड़क दुर्घटना के पीड़ितों व अन्य गंभीर मरीजों को इलाज के लिए वाराणसी या अन्य बड़े शहरों में जाने की जरूरत नहीं होगी. जिला मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. जयंत कुमार का दावा है कि ट्रॉमा सेंटर शुरू करने के लिए अस्पताल प्रबंधन के पास पर्याप्त चिकित्सा पेशेवर हैं। अगर उनकी मांग होगी तो अधिक चिकित्सक और कर्मचारी उपलब्ध होंगे।

जिला अस्पताल के सीएमएस डॉ. दिवाकर सिंह के मुताबिक ट्रॉमा सेंटर आंशिक रूप से ही चालू है. सरकार से अधिक आईसीयू स्टाफ सदस्यों और अन्य संसाधनों को जोड़ने का आग्रह किया गया है। उनके आते ही सभी चिकित्सा सेवाएं उपलब्ध हो सकेंगी।

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