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Ballia News : विधायक ने लिया बाढ़ व कटानरोधी कार्यो का जायजा, ग्रामीणों ने सुनाई पीड़ा
मझौवां, बलिया। विधायक जयप्रकाश अंचल ने रविवार को रामगढ़ से लेकर दुबे छपरा तक चल रही कटान रोधी परियोजनाओं के कार्यों का निरीक्षण किया।
मझौवां, बलिया। विधायक जयप्रकाश अंचल ने रविवार को रामगढ़ से लेकर दुबे छपरा तक चल रही कटान रोधी परियोजनाओं के कार्यों का निरीक्षण किया। इस दौरान विधायक ने बाढ़ विभाग के अधिकारियों से विषम परिस्थिति से निपटने के लिए कौन-कौन सी तैयारी की गई है ? इसकी जानकारी ली। विधायक ने पूछा कि समय रहते परियोजनाओं का काम पूरा क्यों नहीं हुआ? अब गंगा का जलस्तर बढ़ रहा है, ऐसे में अगर बाढ़ कटान होती है तो आप कौन सी युक्ति अपनाएंगे?
कहा अब ऊपर वाला ही हम लोगों को बचा सकते हैं, क्योंकि बाढ़ विभाग व ठेकेदारों ने अब तक जो भी काम कराया है, वह आपके आंखों के सामने हैं। यह कभी भी गंगा की लहरों में समाहित हो सकता है। ग्रामीणों ने कहा कि पिछले साल सुघरछपरा में करीब 6 करोड़ रुपए की की लागत से रिवेटमेट का कार्य कराया गया था। लेकिन पिछले साल भी विभागीय लापरवाही के चलते रेवेटमेंट का कार्य पूरा नहीं हो सका। ग्रामीणों ने इसकी शिकायत जिलाधिकारी से लगायत उच्च अधिकारियों तक की। तब जाकर इस वर्ष पुनः ठेकेदार ने कटान रोधी कार्य को जैसे-तैसे कराया। इसमें जमकर मानकों की धज्जियां उड़ाई गई।
नतीजा यह हुआ कि अभी गंगा का जलस्तर थोड़ा ही बढ़ा तो सुघर छपरा में रिवेट मेंट करीब ए मीटर मीटर नीचे खिसक गया है। साथ ही करीब 500 मीटर लंबा रिवेट मेंट कभी भी गंगा की लहरों की भेंट चढ़ सकता है। यह स्थिति देखकर पूरे सुघर छपरा के लोगों में भय व दहशत का माहौल कायम है। इस मौके पर बाढ़ विभाग के एसडीओ एसके प्रियदर्शी, सहायक अभियंता प्रशांत गुप्ता ग्राम प्रधान गंगापुर उमेश यादव, दशरथ यादव, रोहित श्रीवास्तव, दिनेश यादव, किशन पासवान, बबलू यादव, विद्यासागर यादव, उत्तम यादव, वीरेंद्र यादव एक राम यादव, मनान हुसैन, शशि भूषण, संजय यादव, अनूप वर्मा आदि दर्जनों ग्रामीण मौजूद रहे।
बाढ़ विभाग की कार्यशैली ठीक नहीं
रामगढ़ में पत्रकारों से बातचीत में विधायक जयप्रकाश अंचल ने कहा कि हमने बाढ़ कटान का मुद्दा विधानसभा में उठाया था। बाढ़ विभाग की कार्यशैली पर प्रश्नचिन्ह खड़ा किया था, लेकिन सरकार ने कुछ भी जवाब नहीं दिया। सूबे के मुखिया योगी आदित्यनाथ से मैं आग्रह करता हूं कि कम से कम बाढ़ से पूर्व एक बार आकर कटान क्षेत्रों का निरीक्षण कर लें, ताकि बाढ़ विभाग की कार्यशैली सामने आ जाय।