बलिया - शहर सरताज का फैसला 13 मई को दिग्गजों के प्रचार की ताकत का पता चलेगा

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बलिया। यूपी निकाय चुनाव की वोटिंग खत्म होने के बाद अब नतीजों पर गणमान्य लोगों के साथ दिग्गज नेताओं की भी नजर है.

बलिया। यूपी निकाय चुनाव की वोटिंग खत्म होने के बाद अब नतीजों पर गणमान्य लोगों के साथ दिग्गज नेताओं की भी नजर है. बलिया में निकाय चुनाव के नतीजे सत्तारूढ़ भाजपा और मुख्य विपक्षी दल सपा के दिग्गजों का कद तय करेंगे।

जहां मुख्यमंत्री और डिप्टी सीएम समेत कई मंत्रियों ने बीजेपी प्रत्याशियों के समर्थन में प्रचार किया. वहीं, सपा के पूर्व विधायकों ने भी अपना दम दिखाया। दोनों दलों के दिग्गजों के प्रति मतदाताओं की कितनी मेहरबानी रही है, यह 13 मई को पता चलेगा। बलिया जिले की 7 विधानसभा सीटों में से 2 पर बीजेपी और 3 पर सपा का कब्जा है. बसपा और सुभासपा के पास एक-एक सीट है।

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बलिया नगर पालिका से भाजपा के संत कुमार उर्फ मिठाई लाल की जीत बलिया नगर विधायक व परिवहन मंत्री दयाशंकर सिंह के लिए प्रतिष्ठा का प्रश्न बन गई है. तभी मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के अलावा डिप्टी सीएम बृजेश पाठक, आजमगढ़ सांसद और भोजपुरी अभिनेता दिनेश लाल यादव निरहुआ और रवि किशन ने भी प्रचार किया. वहीं प्रभारी मंत्री दयाशंकर मिश्र दयालू ने चुनाव के दौरान शहर की सड़कों का जायजा लिया.

वहीं निर्दलीय संजय उपाध्याय के लिए पूर्व मंत्री सपा के कद्दावर नेता नारद राय ने अपनी साख दांव पर लगा दी है. सपा आलाकमान के फैसले से यहां-वहां जाकर निर्दलीय की मदद करने वाले नारद राय के राजनीतिक जीवन का भविष्य भी दांव पर लगा है. जबकि सपा के अधिकृत प्रत्याशी लक्ष्मण गुप्ता के लिए पूर्व विधायक मंजू सिंह, राम इकबाल सिंह व जिलाध्यक्ष राजमंगल यादव ने अपनी प्रतिष्ठा दांव पर लगा दी. इसलिए जीत हार भी बहुत मायने रखती है।

वोटिंग के बाद पार्टी प्रत्याशियों के अलावा बागियों के वोटों पर भी कई की नजरें हैं। उन्हें लग रहा है कि अगर निर्दलीयों का वोट ग्राफ बढ़ा तो उनकी राह में रोड़ा बन सकता है.

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