बदायूं: भाई और भतीजों ने 50 हजार रुपये की सुपारी देकर कराई थी रक्षपाल की हत्या

बुजुर्ग की ढाई बीघा जमीन समेत डेढ़ करोड़ की संपत्ति के लालच में की थी हत्या

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बदायूं: थाना फैजगंज बेहटा क्षेत्र के एक गांव में 65 वर्षीय बुजुर्ग की दो गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। बुजुर्ग के भतीजे ने चार लोगों के खिलाफ हत्या की रिपोर्ट दर्ज कराई थी। पुलिस ने जांच की तो मामला ही कुछ और निकला। मृतक के भाई और दो भतीजों ने गांव के अपने विरोधियों को फंसाने, बुजुर्ग की ढाई बीघा जमीन समेत डेढ़ करोड़ रुपये की संपत्ति के लालच हत्या की साजिश रची थी। हत्या की सुपारी 50 हजार रुपये में तीन लोगों को दी गई थी। पुलिस ने हत्याकांड का खुलासा किया है। पुलिस ने चार हत्यारोपियों को जेल भेजा। जबकि दो आरोप फरार हैं। 

फैजगंज क्षेत्र के गांव किशनपुर में 25 सितंबर की रात बुजुर्ग रक्षपाल की दो गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। रक्षपाल के भतीजे जितेंद्र यादव पुत्र महेंद्र ने गांव निवासी बाबूराम, कपूरी सिंह, नन्हें पुत्र विद्याराम और विनेश पुत्र दरियाब सिंह पर हत्या की रिपोर्ट दर्ज कराई थी।

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पुलिस ने विवेचना की। जिसमें रक्षपाल के छोटे भाई महेंद्र, वादी भतीजा मुकदमा का वादी जितेंद्र यादव, सुखपाल उर्फ नन्हुका के अलावा जिला मुरादाबाद के थाना बिलारी क्षेत्र के गांव नगला नक्सू निवासी भानु प्रताप पुत्र रामेश्वर, जिला संभल के थाना हजरत नगर क्षेत्र के गांव भारतल गदापुर निवासी अखिलेश पुत्र महेंद्र सिंह, मृतक के गांव निवासी रामनिवास पुत्र हुकुम सिंह के नाम सामने आए। जिसके आधार पर पुलिस ने भानु प्रताप को हिरासत में ले पूछताछ की।

पुलिस ने सख्ती दिखाई तो उसने बताया कि महेंद्र और उनके बेटे जितेंद्र यादव व सुखपाल ने उन्हें हत्या करने के एवज में 50 हजार रुपये दिए थे। वह चाहते थे कि बुजुर्ग के मरने के बाद उनकी ढाई बीघा जमीन अपने आप उनके नाम आ जाएगी और अन्य संपत्ति भी उनके नाम होगी। वह गांव में अपने विरोधी बाबूराम, कपूरी सिंह और नन्हें को झूठे मुकदमा में फंसा देंगे।

पुलिस ने सुखपाल उर्फ नन्हुका, महेंद्र पुत्र हीरालाल, रामनिवास पुत्र हुकुम सिंह और भानु प्रताप पुत्र रामेश्वर को जेल भेज दिया जबकि जितेंद्र यादव, अखिलेश पुत्र महेंद्र सिंह पुलिस की पकड़ से दूर हैं। एसएसपी डॉ. ओपी सिंह ने खुलासा करने वाले थाना फैजगंज बेहटा के थानाध्यक्ष सिद्धांत शर्मा समेत पूरी टीम को 10 हजार रुपये का पुरस्कार दिया है। खुलासा के दौरान सीओ बिसौली सुनील कुमार मौजूद रहे।

पुलिस की सही जांच ने बचाए निर्दोष
बुजुर्ग के भाई और भतीजों ने ही गांव में अपने विरोधी चार लोग बाबूराम, कपूरी सिंह, नन्हें और वीरेश को फंसाने के लिए साजिश रची थी। पुलिस ने दस दिन में सही विवेचना करके हत्याकांड का खुलासा किया। जिसमें जितेंद्र यादव की ओर से कराई गई नामजदगी झूठी निकली। पुलिस की सही जांच ने चार निर्दोष को बचा लिया। पुलिस ने दर्ज कराए गए मुकदमा में से चारों निर्दोषों के नाम अलग करते हुए छह आरोपियों को नामजद किया है।

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