तेजस्वी यादव की बढ़ीं मुश्किलें, मानहानि मामले में दूसरी बार समन जारी 

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अहमदाबाद। अहमदाबाद की एक मेट्रोपोलिटन अदालत ने शुक्रवार को बिहार के उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव को एक आपराधिक मानहानि मामले में दूसरी बार ‘समन’ जारी किया। अदालत ने दूसरा समन तब जारी किया, जब उसे पता चला कि पूर्व में जारी किया गया समन भ्रम के चलते उन्हें तामील नहीं हो सका। नये समन के मुताबिक, तेजस्वी को 13 अक्टूबर को अदालत के समक्ष पेश होना है। 

अतिरिक्त मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट डी. जे. परमार की अदालत ने तेजस्वी की एक टिप्पणी को लेकर 28 अगस्त को उन्हें (पहला) समन जारी किया था। तेजस्वी ने कथित तौर पर कहा था, ‘‘केवल गुजराती ही ठग हो सकते हैं।’’ अदालत ने राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के नेता को भारतीय दंड संहिता की धारा 499 और 500 के तहत दर्ज मामले में 22 सितंबर को उसके समक्ष पेश होने के लिए समन जारी किया था। 

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अदालत ने शुक्रवार को जब मामले की सुनवाई शुरू की, तब यह खुलासा हुआ कि समन अब तक अदालत में ही पड़ा हुआ है और यह तेजस्वी के पास नहीं पहुंचाया गया। शिकायतकर्ता हरेश मेहता (69) इस भ्रम में रह गए कि अदालत पुलिस या अपने तंत्र के माध्यम से समन राजद नेता को पहुंचाएगी, जबकि अदालत को ऐसा लगा कि मेहता के वकील ने इसे (अदालत से) प्राप्त कर तेजस्वी को पहुंचा दिया। 

इस भ्रम को दूर करने के लिए, परमार ने शुक्रवार को कहा कि समन तामील कराना मेहता का काम था क्योंकि वह शिकायतकर्ता हैं। इसके बाद, परमार ने दूसरा समन जारी किया और मेहता से इसे तेजस्वी को भिजवाने के लिए आवश्यक प्रबंध करने को कहा।  अदालत ने अगस्त में तेजस्वी के खिलाफ आपराधिक प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी) की धारा 202 के तहत पड़ताल की थी और सामाजिक कार्यकर्ता एवं अहमदाबाद के कारोबारी मेहता द्वारा दायर शिकायत के आधार पर उन्हें तलब करने के लिए पर्याप्त आधार पाया। मेहता ने इस साल 21 मार्च को पटना में मीडिया के समक्ष दिये तेजस्वी के बयान के सबूत के साथ अदालत में अपनी शिकायत दायर की थी।  यह भी पढ़ें- लॉरेंस बिश्नोई ने अहमदाबाद की स्पेशल कोर्ट में दी अर्जी, बोला- मुझे गैंगस्टर या आतंकी ना कहा जाए

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