अंतरिक्ष क्षेत्र में ISRO और MRIC में समझौता ज्ञापन को मंजूरी

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नई दिल्ली। केंद्रीय मंत्रिमंडल ने संयुक्त लघु उपग्रह के विकास के सहयोग पर भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) और मॉरीशस अनुसंधान एवं नवाचार परिषद (एमआरआईसी) के बीच समझौता ज्ञापन को मंजूरी दी है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में शुक्रवार को यहां हुई केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में इसरो और एमआरआईसी के बीच एक नवंबर, 2023 को पोर्ट लुइस, मॉरीशस में हस्ताक्षरित एक समझौता ज्ञापन से अवगत कराया गया।

यह समझौता ज्ञापन एक संयुक्त उपग्रह के विकास के साथ-साथ एमआरआईसी के भूकेंद्र के उपयोग पर सहयोग के लिए एक रूपरेखा स्थापित करने में मदद करेगा। संयुक्त उपग्रह के लिए कुछ उपप्रणालियां भारतीय उद्योगों की भागीदारी के माध्यम से अपनाई जाएंगी और इससे उद्योगों को लाभ होगा।

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इस समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर होने से इसरो और एमआरआईसी के बीच छोटे उपग्रह का संयुक्त कार्यान्वयन संभव हो सकेगा। उपग्रह कार्यान्वयन को 15 महीने की समय सीमा में पूरा करने का प्रस्ताव है। संयुक्त उपग्रह की अनुमानित लागत 20 करोड़ रुपये है, जिसे भारत वहन करेगा। 

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