Ghosi Bypolls Result 2023: यूपी के घोसी में क्यों जीती समाजवादी पार्टी, कैसे पस्त हुई सत्ताधारी बीजेपी? जानें जीत-हार की सभी वजहें

Ghosi By-Election Result 2023: घोसी उपचुनाव में हार कहीं न कहीं बीजेपी और एनडीए गठबंधन के लिए झटका है. वहीं आगामी लोकसभा चुनाव को देखते हुए इंडिया गठबंधन को लिए बड़ी सफलता कही जा सकती है.

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घोसी उपचुनाव में समाजवादी पार्टी को मिली जीत, फाइल फोटो ( Image Source : PTI)

UP Bypolls Result 2023: उत्तर प्रदेश के घोसी विधानसभा सीट (Ghosi Assembly Seat) पर हुए उपचुनाव में समाजवादी पार्टी (SP) ने जीत दर्ज कर ली है. सपा प्रत्याशी सुधाकर सिंह (Sudhakar Singh) ने बीजेपी (BJP) के दारा सिंह चौहान (Dara Singh Chauhan) को 42,759 वोटों से हराया. इसी के साथ सपा इस सीट को बचाने में कामयाब रही. 2022 के यूपी विधानसभा चुनाव में यहां सपा ने ही जीत दर्ज की थी. तब बीजेपी से इस्तीफा देकर सपा में आए दारा सिंह चौहान को पार्टी ने टिकट दिया था. उन्होंने बीजेपी प्रत्याशी विजय राजभर को हराया था.

इसके लगभग एक साल बाद सपा और विधायकी पद से दारा सिंह चौहान ने इस्तीफा दे दिया था और बीजेपी में शामिल हो गए थे. ऐसे में घोसी सीट पर एक बार फिर से चुनाव हुआ. इसमें बीजेपी ने जहां दारा सिंह चौहान को उम्मीदवार बनाया तो सपा ने सुधाकर सिंह को टिकट दिया था. सुधाकर सिंह ने पार्टी की उम्मीदों पर खरा उतरते हुए दारा सिंह चौहान को करारी शिकस्त दे दी.

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एनडीए गठबंधन के लिए झटका!

घोसी उपचुनाव में हार कहीं न कहीं बीजेपी और एनडीए गठबंधन के लिए झटका है. वहीं इंडिया गठबंधन को लिए बड़ी सफलता कही जा सकती है. एनडीए और इंडिया गठबंधन के बीच एक तरीके से यह पहला चुनावी मुकाबला था. इस उपचुनाव में दारा सिंह चौहान को एनडीए गठबंधन में शामिल अपना दल (सोनेलाल), निर्बल इंडियन शोषित हमारा आम दल (निषाद) पार्टी और पूर्व सपा सहयोगी सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी का समर्थन मिल रहा था.

सपा के साथ थे ये दल

दूसरी ओर सपा उम्मीदवार सुधाकर सिंह को विपक्षी गठबंधन ‘इंडिया’ के घटक दलों कांग्रेस, मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा), भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (भाकपा), राष्ट्रीय लोक दल (रालोद), आम आदमी पार्टी (आप), भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी-लेनिनवादी) (भाकपा-माले)-लिबरेशन और सुहेलदेव स्वाभिमान पार्टी से समर्थन मिला था. बहुजन समाज पार्टी (बसपा) ने उपचुनाव में कोई उम्मीदवार नहीं उतारा था.

घोसी सीट पर वोटों का समीकरण

आंकड़ों के मुताबिक इस क्षेत्र में सबसे ज्यादा 90 हजार दलित मतदाता हैं. क्षेत्र में करीब 90 हजार मुस्लिम मतदाता बताए जाते हैं. पिछड़े वर्ग में 50 हजार राजभर, 45 हजार नोनिया चौहान, करीब 20 हजार निषाद, 40 हजार यादव, 5 हजार से अधिक कोइरी और करीब 5 हजार प्रजापति वर्ग के वोट हैं. अगड़ी जातियों में 15 हजार से अधिक क्षत्रिय, 20 हजार से अधिक भूमिहार, 8 हजार से ज्यादा ब्राह्मण और 30 हजार वैश्य मतदाता हैं.

बीएसपी का वोट बैंक सपा की ओर शिफ्ट?

घोसी में बीएसपी के चुनाव नहीं लड़ने की वजह से इसका लाभ सपा को मिला. एक तरीके से बीएसपी का वोट बैंक सपा की ओर शिफ्ट हुए. इससे नुकसान बीजेपी को उठाना पड़ा. वहीं ओम प्रकाश राजभर के एनडीए गठबंधन में शामिल होने का भी कोई खास फायदा बीजेपी को नहीं हुआ. इसके अलावा कहीं न कहीं दारा सिंह चौहान का सपा और विधायकी पद से इस्तीफा और फिर बीजेपी के टिकट देना भी जनता को रास नहीं आया. ऐसे में ज्यादातर मतदाताओं ने इस बार सपा के सुधाकर सिंह पर विश्वास जताया. उपचुनाव के नतीजे का योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व वाली बीजेपी सरकार पर कोई असर नहीं पड़ेगा, जिसे 403 सदस्यीय राज्य विधानसभा में बहुमत हासिल है. हालांकि, इसका परिणाम 2024 के लोकसभा चुनावों के लिए भविष्य का संकेत हो सकता है. यूपी में लोकसभा की 80 सीटें हैं.

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