चौधरी चरण सिंह और पीवी नरसिम्हा राव को भारत रत्न, नरेंद्र मोदी का ऐतिहासिक फैसला

On

New Delhi : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बड़ा ऐलान किया है। ऐतिहासिक फ़ैसला लेते हुए किसानों के मसीहा पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह और भारतीय अर्थव्यवस्था को वैश्वीकरण की तरफ ले जाने वाले पूर्व प्रधानमंत्री पीवी नरसिम्हा राव को भारत रत्न मिलेगा। जानकारों के मुताबिक, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का राजनीतिक और सामाजिक मायनों में यह बहुत बड़ा फ़ैसला है। आपको बता दें कि करीब 10 दिन पहले प्रधानमंत्री ने पिछड़ों के मसीहा कहे जाने वाले बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री कर्पूरी ठाकुर को भारत रत्न देने का ऐलान किया था। जिसके बाद बिहार में बड़ा राजनीतिक बदला हुआ। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने महागठबंधन से नाता तोड़कर राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन में शामिल होने का ऐलान कर दिया था। अब ठीक ऐसे ही हालात उत्तर प्रदेश की राजनीति में भी बनने वाले हैं। मिली जानकारी के मुताबिक़ अगले 24 घंटों के दौरान राष्ट्रीय लोकदल और भारतीय जनता पार्टी के गठबंधन का ऐलान होने वाला है।

कांग्रेस समेत पूरे विपक्ष को तगड़ा झटका

लोकसभा चुनाव से ठीक पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भारतीय जनता पार्टी एक के बाद एक मास्टरस्ट्रोक खेल रहे हैं। पहले बिहार के दिग्गज नेता कर्पूरी ठाकुर को भारत रत्न देने का ऐलान हुआ। जिसके चलते बिहार की पूरी राजनीति का परिदृश्य बदल गया। अब उत्तर प्रदेश की राजनीति में बड़ा बदलाव देखने के लिए मिलेगा। आपको बता दें कि चौधरी चरण सिंह प्रधानमंत्री बनने से पहले उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री भी रहे थे। उन्हें अब तक देश में सबसे बड़ा किसान नेता माना जाता है। चौधरी चरण सिंह की बदौलत उत्तर प्रदेश और देश के तमाम राज्यों में जमींदारी उन्मूलन क़ानून बना था। चौधरी चरण सिंह ने अपने कार्यकाल के दौरान खेतीबाड़ी, मंडी, कृषि उत्पादन मूल्य, गन्ना-चीनी, वन और किसानों से जुड़े दूसरे मुद्दों पर बड़े बदलाव किए थे। अंग्रेज़ी ज़माने से चली आ रही प्रथाओं को तोड़ा था। ख़ास बात यह है कि चौधरी चरण सिंह ने अपना राजनीतिक सफ़र कांग्रेस के साथ शुरू किया था, लेकिन उन्हें देश के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरु का घोर विरोधी माना जाता था। इसी वजह से चौधरी चरण सिंह ने कांग्रेस को अलविदा कहा था। चौधरी चरण सिंह प्रधानमंत्री ज़रूर बने, लेकिन उन्हें कांग्रेस के विरोध का सामना करना पड़ा था। जिसके चलते वह बमुश्किल 11 महीने पीएम की कुर्सी पर रह पाए थे। इस दौरान वह कभी लोकसभा नहीं जा सके थे।

यह भी पढ़े - Kargil Vijay Diwas 2024: प्रधानमंत्री मोदी का कल कारगिल दौरा, शिंकुन ला सुरंग परियोजना का करेंगे पहला विस्फोट 

पीवी नरसिम्हाराव और एस स्वामीनाथन भी भारत रत्न

इस फ़ैसले का सबसे बड़ा हिस्सा कांग्रेसी प्रधानमंत्री पीवी नरसिम्हा राव को भारत रत्न देना है। नरसिम्हा राव राजीव गांधी की हत्या के बाद देश के प्रधानमंत्री बने थे। उनके कार्यकाल में भारत की अर्थव्यवस्था ने ओपन ग्लोबलाइजेशन में क़दम रखा था। पिछले दशकों में भारत की तरक़्क़ी में इस फ़ैसले का महत्वपूर्ण योगदान रहा है। अब जब भारतीय जनता पार्टी की सरकार ने कांग्रेसी प्रधानमंत्री को भारत रत्न से नवाज़ा है तो सारे राजनीतिक परन्तुक समाप्त हो गए हैं। राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि चौधरी चरण सिंह को भारत रत्न देकर भारतीय जनता पार्टी की सरकार ने अन्य पिछड़ा वर्ग और खेती-किसानी करने वाले लोगों को गौरवान्वित किया है। इसका फ़ायदा आने वाले लोकसभा चुनाव में ज़रूर मिलेगा। दूसरी तरफ नरसिम्हा राव को भारत रत्न देने का ऐलान कांग्रेस के लिए बहुत बड़ा झटका है। दरअसल, अटल बिहारी वाजपेयी के बाद 10 वर्षों तक केंद्र में कांग्रेस की मनमोहन सरकार रही लेकिन नरसिम्हा राव को उन्होने इस क़ाबिल नहीं समझा था।

हरित क्रांति के जनक स्वामीनाथन को भारत रत्न

पिछले कुछ दिनों में प्रधानमंत्री ने कर्पूरी ठाकुर, लाल कृष्ण आडवाणी, चौधरी चरण सिंह और नरसिम्हा राव को भारत रत्न देने का ऐलान किया है। यह चारों भारतीय राजनीति के स्टॉलवार्ट हैं। इनके बीच कृषि वैज्ञानिक एस स्वामीनाथन को भी भारत रत्न दिया जाएगा। उन्हें यह सम्मान चौधरी चरण सिंह, कर्पूरी ठाकुर और नरसिम्हा राव की तरह मरणोपरांत मिलेगा। लेकिन स्वामीनाथन को भारत रत्न देने के बड़े मायने हैं। सरकार ने संदेश दिया है कि वह राजनीतिक चेहरों के अलावा देश के लिए बड़ा काम करने वालों को भी तरजीह देती है। साथ ही नरसिम्हा राव और एस स्वामीनाथन दक्षिण भारत से ताल्लुक़ रखते हैं। आने वाले लोकसभा चुनाव के लिए भारतीय जनता पार्टी की दक्षिण भारतीय राज्यों पर ख़ास नज़र है। नरसिम्हा राव और स्वामीनाथन को भारत रत्न देने से दक्षिण भारतीय समाज में भाजपा की स्वीकार्यता बढ़ेगी।

Ballia Tak on WhatsApp

Comments

Post A Comment

Popular Posts