Pradosh Fast: सौभाग्य प्राप्ति के लिए करें भौम प्रदोष व्रत, जाने इस व्रत का शुभ मुहूर्त एवं पूजन-विधि

On

हर महीने कृष्ण और शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि को प्रदोष व्रत रखा जाता है। इस प्रकार पौष माह के शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी 23 जनवरी को है। मंगलवार के दिन पड़ने के चलते यह भौम प्रदोष व्रत कहलाएगा। इस दिन देवों के देव महादेव और जगत जननी आदिशक्ति मां पार्वती की पूजा-अर्चना की जाती है। साथ ही उनके निमित्त व्रत रखा जाता है। इस व्रत के पुण्य-प्रताप से साधक को जीवन में व्याप्त सभी संकटों से मुक्ति मिलती है। साथ ही घर में मंगल का आगमन होता है। अतः साधक प्रदोष व्रत पर विधि-विधान से पूजा-उपासना करते हैं। आइए, शुभ मुहूर्त एवं पूजा-विधि जानते है।

प्रदोष व्रत का महत्व

इस साल का पहला प्रदोष व्रत मंगलवार को है, जिसे भौम प्रदोष के नाम से जाना जाता है. इस शुभ दिन पर समर्पण और भक्ति के साथ भगवान शिव और देवी पार्वती की पूजा करने से भक्तों को उनकी इच्छाओं के करीब ले जाया जा सकता है। भौम प्रदोष व्रत पर देवताओं की पूजा करने से सौभाग्य, समृद्धि और खुशहाली आती है। कुछ भक्त इस दिन भगवान शिव की पूजा भगवान नटराज के रूप में भी करते हैं। मान्यता है कि, इस व्रत को करने के बाद माता पार्वती ने भगवान भूत भावन यानी भगवान शंकर को पाया था। इस व्रत को रखने से घर में समस्त तरह के सुख सुविधाएं मनवांछित फल की प्राप्ति होती है और इस व्रत के लिए शाम के समय भगवान शिव का विशेष पूजा अर्चना किया जाता है।

पूजा विधि

प्रदोष व्रत के दिन सूर्योदय से पहले उठें। इस समय भगवान शिव और माता पार्वती को प्रणाम कर दिन की शुरुआत करें। नित्य कर्मों से निवृत्त होने के बाद गंगाजल युक्त पानी से स्नान करें। इस समय आचमन कर अपने आप को शुद्ध करें। साथ ही श्वेत रंग का वस्त्र धारण करें और व्रत संकल्प लें। इसके बाद भगवान भास्कर को जल का अर्घ्य दें। इसके पश्चात, पूजा गृह में एक चौकी पर शिव परिवार की प्रतिमा या चित्र स्थापित करें।

अब पंचोपचार कर विधि-विधान से महादेव संग माता पार्वती की पूजा-अर्चना करें। इस समय भगवान शिव को भांग, धतूरा, मदार के पत्ते, धतूरे के फूल, बेल पत्र आदि चीजें अर्पित करें। वहीं, माता पार्वती को लाल रंग के फूल अर्पित करें। इस समय शिव एवं पार्वती चालीसा का पाठ करें। प्रसाद में भगवान शिव को फल, मिश्री और पंचमेवा का भोग लगाएं। अंत में आरती कर सुख-समृद्धि और धन वृद्धि की कामना करें। दिन भर व्रत रखें। प्रदोष काल में पुनः पूजा-आरती कर फलाहार करें।

यह भी पढ़े - देशी शराब के साथ तस्कर महिला हिरासत में

Ballia Tak on WhatsApp

Comments

Post A Comment