मुंबई ट्रेन ब्लास्ट की जांच करने वाले अधिकारियों की सूचना आरटीआई के तहत देने की मांग खारिज

नई दिल्ल। दिल्ली हाई कोर्ट ने 2006 के मुंबई ट्रेन ब्लास्ट की जांच करने वाले अधिकारियों की सूचना आरटीआई के तहत देने की मांग को खारिज कर दिया है। जस्टिस सुब्रमण्यम प्रसाद की बेंच ने कहा कि ब्लास्ट की जांच करने वाले अधिकारियों की सूचना मिलने पर उनकी जान को खतरा हो सकता है।

कोर्ट ने कहा कि इस घटना के अभी 20 साल भी पूरे नहीं हुए हैं, ऐसे में आरटीआई की धारा 8(3) का लाभ याचिकाकर्ता को नहीं दिया जा सकता। कोर्ट ने कहा कि 20 साल के बाद भी जांच करने वाले अफसरों की निजता को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता है, खासकर उस आरोपी के पक्ष में जिले इस मामले में फांसी की सजा मिली हो। ऐसे में कोर्ट केंद्रीय सूचना आयोग के फैसले में दखल नहीं देना चाहता है।

आरटीआई के तहत सूचना देने की मांग 2006 के मुंबई ट्रेन ब्लास्ट मामले में फांसी की सजा पा चुके एहतेशाम कुतुबुद्दीन सिद्दीकी की थी। एहतेशाम ने इस मामले की जांच का पर्यवेक्षण करने वाले 12 आईपीएस अधिकारियों और इस मामले की जांच करने वाले 4 आईएएस अफसरों की जानकारी मांगी थी। केंद्रीय सूचना आयोग ने ब्लास्ट की जांच करने वाले अधिकारियों की सूचना देने से इनकार कर दिया था। एहतेशाम ने केंद्रीय सूचना आयोग के फैसले को चुनौती दी थी।

एहतेशाम ने कहा है कि उसे इस मामले में एटीएस मुंबई की टीम ने झूठे तरीके से फंसाया था। एहतेशाम को ट्रायल कोर्ट ने फांसी की सजा दी है। फांसी की सजा पर मुहर लगाने का मामला अभी हाईकोर्ट में लंबित है। बता दें कि 2006 में मुंबई में हुए ट्रेन ब्लास्ट में 209 लोगों की मौत हो गई थी और सैकड़ों घायल हुए थे।

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Edited By: Ballia Tak

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