अस्थिरता का खतरा
बीते दो दिनों में पाकिस्तान और ईरान द्वारा एक-दूसरे के क्षेत्र में मिसाइल हमले किए जाने के बाद क्षेत्र में अस्थिरता का खतरा बढ़ गया है। दोनों देशों के बीच तनाव का हल शीघ्र न निकला तो क्षेत्र की शांति और सुरक्षा के लिए खतरा है। पाकिस्तान ने ईरान के सिस्तान-बलूचिस्तान प्रांत में, कथित आतंकी ठिकानों पर गुरुवार तड़के हमले किए।
इससे पहले मंगलवार को पाकिस्तान के अशांत ब्लूचिस्तान प्रांत में सुन्नी बलूच चरमपंथी समूह ‘जैश-अल-अदल’ के दो ठिकानों को निशाना बना कर ईरान ने हमले किए। ध्यान रहे पाकिस्तान पहला ऐसा देश नहीं है जहां ईरान ने पिछले कुछ दिनों में हमला किया हो। पाकिस्तान से पहले इराक और सीरिया पर भी हमला किया था। ये हमले ऐसे समय किए गए जब मध्य पूर्व में पहले से ही गाजा और इजरायल के बीच युद्ध को लेकर तनाव है।
इन दो घटनाओं ने मध्य पूर्व की आग को दक्षिण एशिया तक पहुंचा दिया है। हमलों से कूटनीतिक विवाद छिड़ गया है। पाकिस्तान ने ईरान से अपने राजदूत को वापस बुला लिया और अपने पड़ोसी के सभी उच्च-स्तरीय यात्राओं को निलंबित कर दिया। चीन ने दोनों देशों से संयम बरतने और तनाव बढ़ने से बचने का आग्रह किया है।
भारत ने कहा कि ये ईरान और पाकिस्तान का आपसी मामला है। जहां तक भारत का सवाल है, तो आतंकवाद को लेकर हमारी नीति जीरो टॉलरेंस की है। सभी देशों की संप्रभुता, स्वतंत्रता और क्षेत्रीय अखंडता का सम्मान और सुरक्षा की जानी चाहिए। पाकिस्तान ईरान का आठवां सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार है। ईरान को पाकिस्तान के प्रमुख निर्यातों में चावल, मांस, कागज, वस्त्र और फल शामिल हैं।
ईरान से पाकिस्तान के प्रमुख वस्तुओं के आयात में कार्बनिक रसायन, प्लास्टिक, खनिज, तेल, लोहा और इस्तपात शामिल हैं। ईरान और पाकिस्तान के बीच बड़ी अड़चन ईरान का सिस्तान और पाकिस्तान में बलूचिस्तान प्रांत रहा है। दोनों देशों ने सीमा पर अशांत बलूच क्षेत्र में लंबे समय से आतंकवादियों से लड़ाई लड़ी है।
दोनों देशों के दुश्मन एक ही तरह के हैं, जो अलगाववाद की भावना रखते हैं, लेकिन सीमा पार एक दूसरे की धरती पर इन अलगाववादियों पर हमला करना असामान्य है। यदि मौजूदा हालात पर नीति निर्माताओं द्वारा कूटनीतिक रूप से नियंत्रण नहीं किया जाता है तो मौजूदा गलतफहमी उनके लिए बहुत चुनौतीपूर्ण हो सकती है।
यह अब दोनों देशों पर निर्भर करता है कि वे दोनों पक्षों की बेहतरी और समृद्धि के लिए कौन सा रास्ता खोज निकालते हैं? क्योंकि ईरान और पाकिस्तान की चिंताओं तथा हितों का नए क्षेत्रीय और अंतर्राष्ट्रीय माहौल से गहरा संबंध है।
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