मोटे अनाज को बढ़ावा

On

जलवायु परिवर्तन ने गेहूं और धान की खेती को प्रभावित किया है। देश की खाद्य जरूरतों को पूरा करने के लिए मोटे अनाज पर पूरा ध्यान केंद्रित करने की आवश्यकता है। भारत में मिलेट्स या मोटे अनाज को अब ‘श्री अन्न’ की पहचान दी गई है।

सरकार इस अनाज को प्रोत्साहित कर रही है और इस प्रचार और उत्पादन बढ़ाने पर जोर दे रही है। हाल ही में संपन्न जी-20 सम्मेलन में विदेशी नेताओं के सामने मोटे अनाज से बने पकवानों को भी परोसा गया। सरकार श्री अन्न की पैदावार के साथ ही उसकी बिक्री को लेकर भी कदम उठा रही है।

उत्तर प्रदेश में सरकार किसानों से 5.82 लाख मीट्रिक टन मोटा अनाज खरीदेगी। मक्का उत्पादक 29 जनपदों से मक्का क्रय किया जाना प्रस्तावित है जबकि 40 जिलों से बाजरा तथा 22 जिलों से ज्वार-कोदो की खरीद की जाएगी। गौरतलब है कि 2018 में केंद्र सरकार ने मोटे अनाज को पोषक अनाज की श्रेणी में रखते हुए इन्हें बढ़ावा देने की शुरुआत की थी।

मौजूदा समय में 175 से अधिक स्टार्टअप मोटे अनाज पर काम कर रहे हैं। एक रिपोर्ट के मुताबिक दुनियाभर में पैदा होने वाले मोटे अनाज में 41 प्रतिशत भारत में पैदा होता है। इस मायने में भारत को इसके निर्यात के पर्याप्त अवसर मिल सकते हैं। मोटे अनाज पारंपरिक रूप से देश के अल्प संसाधन वाले कृषि-जलवायु क्षेत्रों में उगाए जाते हैं।

ज्वार, बाजरा, मक्का और छोटे बाजरा को पोषक-अनाज भी कहा जाता है। ये फसलें खाद्य प्रसंस्करण उद्योग में और एक आशाजनक निर्यात योग्य वस्तु के रूप में भी अच्छी संभावनाएं प्रदान करती हैं। भारत के लिए इसका महत्व और भी ज्यादा इसलिए है, क्योंकि देश में पोषण का स्तर बहुत कम है। उच्च पोषण स्तर के अलावा मोटे अनाजों को धरती के बढ़ते तापमान में जीवन रक्षक माना जा सकता है। 

भारत को मोटे अनाजों के प्रमुख उत्पादक से अग्रणी निर्यातक के रूप में ले जाने, देश भर में लाखों भारतीय किसानों के लिए समृद्ध भविष्य की दिशा में योगदान देने और खाद्य तथा पोषण संबंधी सुरक्षा अर्जित करने के लिए योगदान देने की पूरी तैयारी की जा रही है।

यूं तो भारत के अलावा इसकी उपज चीन, अमेरिका, अर्जेटीना, नाइजीरिया और सूडान में भी होती है। 2021-22 में मोटे अनाजों का उत्पादन 27 प्रतिशत से बढ़कर 1.592 करोड़ मीट्रिक टन हो गया था। इसके बावजूद केवल एक प्रतिशत को ही निर्यात किया जा सका है। मोटे अनाजों की गुणवत्ता और पैदावार को बढ़ाने के लिए आपसी वैश्विक सहयोग भी किया जाना चाहिए।  भारत को तेजी से आगे बढ़कर इस दिशा में और भी काम करने चाहिए।

Ballia Tak on WhatsApp

Comments

Post A Comment

Popular Posts