शाहजहांपुर: दीवार गिरने से मलबे में दबकर महिला की मौत, मां-बेटी घायल

फोटो- मौके पर पड़ा मिट्टी की दीवार का मलबा, इसी के नीचे दब गईं थीं तीनों।

कलान, बलिया तक। झोपड़ी के नीचे खाना खाते समय सोमवार दोपहर मिट्टी की दीवार अचानक गिर गई। जिससे मलबे के नीचे मां-बेटी समेत तीन महिलाएं दब गईं। मलबा हटाकर जब तक तीनों को निकाला गया, लेकिन उनमें से रिश्तेदार महिला की मौत हो गई। गंभीर घायल मां-बेटी को सीएचसी कलान से बदायूं रेफर किया गया है।  

थाना क्षेत्र के गांव लक्ष्मनपुर के मजरा अब्दुल्ला नगर निवासी सुरेश कश्यप की पत्नी 60 वर्षीय गुलाबश्री, पुत्री 18 वर्षीय राधिका और जखिया गांव निवासी 65 वर्षीय बहन रामबेटी सोमवार दोपहर लगभग एक बजे झोपड़ी में बैठी खाना खा रही थीं, तभी अचानक झोपड़ी की मिट्टी की जर्जर दीवार अचानक गिर गई।

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जिसके मलबे के नीचे तीनों दब गईं। दीवार गिरने की आवाज सुनते ही आसपास के लोगों ने और दीवार के नीचे दबे लोगों ने चीख पुकार मचानी शुरू कर दी। कुछ दूरी पर स्थित मंदिर पर कथा के बाद हवन का आयोजन हो रहा था, वहां मौजूद लोग घटनास्थल की ओर भागे और जल्दी-जल्दी मलबा हटाकर मां-बेटी सहित तीनों को बाहर निकाला लेकिन रामबेटी की सांसे थम चुकीं थीं।

घायल मां-बेटी को एंबुलेंस से सीएचसी भेजा गया। दोनों की हालत गंभीर होने पर उन्हें बदायूं मेडिकल कॉलेज रेफर कर दिया गया। वहीं घटना के बाद परिवार में कोहराम मचा हुआ है।गांव के प्रधान नरेंद्र सिंह यादव ने संबंधित लेखपाल अन्य प्रशासनिक अधिकारियों को घटना की सूचना दी है। गांव में मातमी सन्नाटा पसरा है।

आई थी रिश्तेदारी में, चली गई जान
मिट्टी की दीवार गिरने से मलबे के नीचे दबकर मौत का शिकार हुई रामबेटी कुछ दिन पहले गांव जखिया से अपने भाई सुरेश कश्यप के घर अब्दुल्ला नगर आई थी। उसे क्या पता था कि भौजाई और भतीजी के साथ बैठकर खाना खाते समय मौत उसका इंतजार कर रही है। वहीं भाई सुरेश कश्यप बहन की मौत पर बिलख रहा था, उसे लग रहा था कि जिस बहन को वह हंसी-खुशी से घर से विदा करता, उसी बहन की मौत की सूचना उसके ससुराल वालों को देनी पड़ गई।

Edited By: Ballia Tak

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