पीलीभीत पुलिस ने खो दिया गुडवर्क का मौका, छह माह पहले डीएम-एसपी से हुई थी ठगी की शिकायत...एसटीएफ कामयाब

पीलीभीत /बीसलपुर:  लखनऊ में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का प्रोटोकॉल अधिकारी बनकर धोखाधड़ी करने के आरोप में धरे गए बीसलपुर के मोहल्ला दुबे निवासी आशीष गुप्ता उर्फ रामशंकर गुप्ता की छह माह पहले पीलीभीत के डीएम-एसपी से भी शिकायत की गई थी। जिसमें उस पर रोजगार दिलाने के नाम पर ठगी करने का आरोप लगाया गया था। एसटीएफ के प्रेसनोट में भी इसी तरह 100 बच्चों से इस तरह से ठगी की बात कही गई है।  

इसी साल 29 मार्च को डीएम कार्यालय पहुंचे संजय सक्सेना, रेखा रानी, प्रतीक सक्सेना, कुमार अभिषेक, अनुभव जौहरी नामक कुछ युवाओं ने एक शिकायती पत्र दिया था। जिसमें बताया कि पिछले वर्ष हिंदुस्तान स्काउट गाइड के द्वारा एक विज्ञप्ति जारी की गई थी। जिसमें दर्शाया गया था कि शासन स्तर से विद्यालयों में स्काउट व गाइड मास्टर की भर्ती की जा रही है। इसके लिए बड़ी संख्या में युवक-युवतियों ने आवेदन पत्र भरे थे। इस भर्ती प्रक्रिया में पहले प्रशिक्षण बताया गया। 

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आरोप था कि इसके एवज में 20-20 हजार रुपये की धनराशि प्रति व्यक्ति से ली गई। 26 अगस्त 2022 से एक सितंबर 2022 तक बरेली के एक निजी बारात घर में प्रशिक्षण दिया गया। बीसलपुर, पीलीभीत के अलावा अन्य स्थानों से आयोजक बताए गए थे। यह भी आरोप था कि प्रशिक्षण पूर्व होने के 15 दिन बाद स्कूलों में नियुक्ति होने का दावा किया गया था। मगर काफी समय बीतने के बाद भी जब नियुक्ति नहीं हुई तो संपर्क किया गया। इसके बाद दोबारा 50 हजर रुपये की पुन: मांग की गई। 

उस शिकायत को करने वालों ने संस्था के अनाधिकृत होने के साथ ही बड़े पैमाने पर ठगी की बात कही थी। डीएम ने मामले को गंभीरता से लेते हुए एसपी को कार्रवाई कराने के निर्देश दिए थे। मगर इसके बाद मामला ठंडे बस्ते में चला गया। अब लखनऊ में हुई गिरफ्तारी के बाद इसी को लेकर चर्चाएं चलती रही।  ऐसे में यह कहना गलत नहीं होगा कि उस वक्त शिकायत को गंभीरता से लिया गया होता तो शायद ये गुडवर्क पीलीभीत पुलिस प्रशासन की झोली में होता। बता दें कि उस वक्त की गई शिकायत में कई अन्य साथियों के नाम भी दिए गए थे। जिसमें कुछ पीलीभीत के ही रहने वाले बताए गए थे।

सचिवालय में दफ्तर की बात कह गिनाता था गहरी पैठ
शिकायतकर्ताओं ने उस वक्त फेसबुक पर अपलोड अफसर और नेताओं के संग खिंचाए फोटो  दिखाते हुए कहा था कि आरोपी सचिवालय में कार्यालय होना बताते हैं। सोशल मीडिया पर भी खुद के रसूखदार वाले फोटो अपलोड किया करते हैं। एक बड़ा गिरोह होने का अंदेशा जताते हुए प्रकरण को गंभीरता से लेकर जांच कराकर सख्त कार्रवाई की मांग की गई थी।

यह भी कहा गया था कि गहनता से जांच की गई तो बड़ा मामला उजागर हो सकेगा। मगर इसे गंभीरता से नहीं लिया गया।  बीसलपुर के लोगों की मानें तो आरोपी के घर पर कई बार लाल -नीली बत्ती लगे वाहन भी आ चुके हैं। वह खुद को एक समाजसेवी के रूप में भी क्षेत्र में भी प्रदर्शित करता था। एक बार तो खुद के अंगदान करने की भी घोषणा कर दी थी। काफी लोग भी उसके झांसे में आ गए थे।

तो बीसलपुर  में भी आई थी एसटीएफ
एसटीएफ की ओर से जारी किए गए प्रेस नोट में आशीष गुप्ता समेत दो की गिरफ्तारी 14 अक्टूबर की बताई गई थी। यानि की एक एक दिन पहले शनिवार की। बताते हैं कि शनिवार को बीसलपुर में एसटीएफ के आने की चर्चाएं तेज हो गई थी। मगर स्थानीय स्तर से किसी तरह की कोई पुष्टि नहीं की गई। जिसके चलते इसे अफवाह के तौर पर देख लोग शांत हो गए थे। मगर चर्चाएं की जाती रही थी कि एसटीएफ आशीष के घर भी गई थी। अब उसकी धरपकड़ की पुष्टि होने के बाद इसी से जोड़कर देखा जा रहा है।

Edited By: Ballia Tak

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