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लखनऊ : लोहिया संस्थान के पहले दीक्षांत समारोह में बोलीं राज्यपाल- चिकित्सक का संवाद मरीज को दे सकता है जिंदगी
लखनऊ: डॉ. राममनोहर लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान के प्रथम दीक्षांत समारोह पर पदक और उपाधि पाने वाले सभी विद्यार्थियों को हार्दिक बधाई और शुभकामनायें देती हूं। साथ ही आपके माता पिता और शिक्षकों को भी बधाई देती हूं, जिन्होंने आपको इस संस्थान का हिस्सा बनने के लिए प्रेरित किया। इस समारोह में पदक और उपाधि पाने वाले मेधावी नये छात्रों के लिए प्रेरणा हैं। आज के इस दीक्षांत समारोह में 10 पोस्ट ग्रेज्यूट विषयों में 46 विद्यार्थियों को एमडी,डीएम और एमसीएच की उपाधि दी गई है। आप ने अपने लिए जिस नोबेल प्रोफेशन को चुना है वह केवल जीविकोपार्जन और व्यक्तिगत उन्नति के लिए नहीं है। चिकित्सा के इस महत्वपूर्ण क्षेत्र में देश की सेवा करने का आपको यह सुभ अवसर प्राप्त हो रहा है। आप सभी ने मानव सेवा का मार्ग चुना है। यह बातें राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने शुक्रवार को इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान में लोहिया संस्थान के प्रथम दीक्षांत समारोह के मौके कहीं।
आज के दीक्षांत समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित देश के जाने माने गैस्ट्रोएंटरोलॉजिस्ट पद्मभूषण डॉ. शिव कुमार सरीन ने कहा कि जीवन में आगे बढ़ने के लिए माइंड सेट का होना बहुत जरूरी है। जैसा माइंडसेट होगा वैसा ही जीवन होगा। यदि आप उस रास्ते पर चलें जिस पर सभी जा रहे हैं, उसका मजा नहीं है। अपना रास्ता खुद बनाना चाहिए। जिसका अन्य लोग अनुसरण करें। इस अवसर पर उन्होंने सुझाव दिया कि आज से अपना माइंडसेट कर लें कि नकारात्मक से सकारात्मक सोंच करनी है, यह विचार रखें। साथ ही यह सोंच भी रखनी है कि मैं जीत सकता हूं मैं जीतूंगा और जब जीत की जिद हो जाये तो घाव मायने नहीं रखते। इसके अलावा उन्होंने बताया कि समय की कोई कीमत नहीं दी जा सकती। इसलिए अपने काम को तेजी के साथ करना चाहिए।
इस अवसर पर मेधावियों को 29 मेडल और 60 उपाधि देकर सम्मानित किया गया है। कार्यक्रम में स्वास्थ्य राज्य मंत्री मयंकेश्वर शरण सिंह, लोहिया संस्थान की निदेशक प्रो.सोनिया नित्यानंद समेत कई चिकित्सक मौजूद रहे।