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लखनऊ: सीएमओ कार्यालय पर आशाओं ने किया प्रदर्शन, कहा- उनकी बात सुनने वाला कोई नहीं
लखनऊ:14 सूत्रीय मांगों को लेकर आशाओं ने मंगलवार को उत्तर प्रदेश आशा वर्कर्स यूनियन के बैनर तले सीएमओ ऑफिस पहुंचकर प्रदर्शन किया। प्रदेश में आशा वर्षों से अपने बुनियादी सवालों को उठा रही हैं, लेकिन उनकी बात को लगातार अनसुना किया जा रहा है। काम का बोझ बढ़ता जा रहा हैं। उनके लिए रोज ही एक नया तुगलकी फरमान जारी किया जाता है। जिसके पारिश्रमिक पर कोई बात तक करना नही चाहता। मिलने वाली प्रोत्साहन राशियों के भुगतान में विलम्ब और मनमानी निरंतर जारी है। उत्पीड़न दिनचर्या का हिस्सा है।
अधिकारियों द्वारा असीमित कार्य लेने और बाद में उनके मेहनताने से अपनी जेब भरने के लिए भय और दमन की स्थिति में कार्य करने के लिए बाध्य किया जाता है। मिलने वाली प्रोत्साहन राशि का एक बड़ा हिस्सा जबरन अधिकारियों द्वारा एक तरह से छीन ही लिया जाता है। हम शिकायत भी नहीं कर सकते। यह सारी बातें आक्रोशित आशाओं ने कही हैं।
उत्तर प्रदेश आशा वर्कर्स यूनियन की लखनऊ जिलाध्यक्ष कमला गौतम ने बताया कि वर्षों से हमारी विभिन्न प्रोत्साहन राशि का पता ही नहीं है। इस दौरान उन्होंने यह भी बताया कि जो प्रोत्साहन राशि दी जा रही है उसका अभी तक पुनर्निर्धारण करने के लिए आदेश जारी नहीं हुआ है। कार्य के दौरान चोट लगने पर चिकित्सा की कोई सरकारी व्यवस्था नहीं है, और सेवा के दौरान दुर्घटना या अन्य कारणों से होने वाली मौतों पर पीड़ित परिवारों को किसी भी तरह के मुआवजा भी नहीं मिलता है।
पूरे प्रदेश में आए दिन आशा और आशा संगीनी यौन उत्पीड़न का शिकार होती रहती हैं, जिसकी रोक व शिकायत के लिए किसी ऐसे पटल की व्यवस्था नही है जिसमे शिकायत कर त्वरित न्याय पाया जा सके। अस्पतालो में आशा विश्राम घर या तो हैं नहीं और अगर कहीं हैं तो उनको कबाड़ रखने में प्रयोग किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि हमारी 14 सूत्रीय मांगें हैं, जिसके लिए हम प्रदर्शन कर रहे हैं। इस दौरान जिला उपाध्यक्ष मीरा प्रजापति, सुमन पाण्डे, राजकुमारी, शिवकुमारी, मोहिनी समेत अन्य आशा मौजूद रहीं।