कानपुर: सीएम योगी की जनसभा में न्याय मांगने पहुंची दुष्कर्म पीड़िता, पुलिस पर कार्रवाई न करने का लगाया आरोप

कानपुर: शनिवार को किदवई नगर में आयोजित अनुसूचित वर्ग के सम्मेलन में सीएम से न्याय की गुहार लगाने दुष्कर्म पीड़िता अपने तीन बच्चों के साथ पहुंची। पीड़िता ने पुलिस पर कार्रवाई न करने का आरोप लगाया। हालांकि सीएम सुरक्षा में तैनात पुलिस ने पीड़िता को बैरंग लौटा दिया। इसी दौरान ससुरालीजनों से प्रताड़ित विवाहिता व हिंदू देवी देवताओं पर अभद्र टिप्पणी करने वालों पर कोई कार्रवाई न होने से नाराज अधिवक्ता ने खून से लिखा पत्र सीएम को सौंपने पहुंचे।

शनिवार को सीएम योगी आदित्यनाथ अनुसूचित वर्ग के सम्मेलन में पहुंचे थे। सीएम के आने की जानकारी पर पुलिस की कार्यशैली से नाराज पीड़ित न्याय की गुहार लगाने पहुंचे। सेन पश्चिमपारा थाना निवासी दुष्कर्म पीड़िता आरोपी पर कार्रवाई न होने से नाराज होकर सीएम से मिलने पहुंची। हालांकि पुलिस ने पीड़िता को बीच में रोक कर बैरंग लौटा दिया। पीड़िता ने बताया कि जन्माष्टमी को पड़ोसी युवक ने उसके साथ घर में घुस कर दुष्कर्म किया था।

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आरोप लगाया कि शिकायत के बावजूद सेन पश्चिम पारा पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की। वहीं हिंदू देवी देवताओं व आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत के खिलाफ सोशल मीडिया पर अभद्र टिप्पणी के बाद जूही थाने में रिपोर्ट दर्ज होने के बाद भी कार्रवाई न होने पर नाराज जूही निवासी अधिवक्ता अनिरुद्ध जायसवाल खून से लिखा पत्र लेकर सीएम योगी की किदवई नगर स्थित जनसभा में पहुंच गए। आनन फानन में पुलिस ने अधिवक्ता को रोक कर ज्ञापन ले लिया।

अधिवक्ता ने बताया कि सोशल मीडिया पर हिंदू देवी देवता, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, सीएम योगी, व आरएसएस प्रमुख के खिलाफ लगातार टिप्पणियां की जाती है। बीते दो वर्षों में उन्होंने जूही थाने में चार मुकदमे दर्ज कराए हैं, इसके बावजूद किसी भी मामले में आरोपी की गिरफ्तारी नहीं हुई है। जिसके चलते वह सीएम योगी को खून से पत्र लिखकर ज्ञापन सौंपने के लिए आए थे। एडीसीपी अंकित शर्मा ने बताया कि अधिवक्ता से मुख्यमंत्री को संबोधित ज्ञापन लिया गया है। सभी एफआईआर में विवेचना चल रही है। जल्द कार्रवाई की जाएगी।

वहीं ससुरालीजनों की प्रताड़ना की शिकार विवाहिता अंजली गौतम भी सीएम से मिलने पहुंची। विवाहिता ने बताया कि बीते पांच माह पूर्व उसकी शादी आशीष कुमार से हुई थी। शादी के कुछ दिन बाद से ससुरालीजन दहेज की मांग को लेकर प्रताड़ित कर रहे थे। आरोप लगाया कि हनुमंत विहार पुलिस कोई कार्रवाई नहीं कर रही। थाना प्रभारी हनुमंत विहार ने बताया कि दोनो पक्षों को मध्यस्थता के लिए परामर्श केंद्र भेजा गया था। जहां एक लिखित समझौता भी दिया गया था, जिसके बाद दोनों पक्षों में दोबारा विवाद हो गया। बीते 23 अक्टूबर को थाने मंव आयोजित परामर्श केंद्र में बुलाया गया था।

Edited By: Ballia Tak

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