गोंडा: नौकरी कर रहा सजायाफ्ता शिक्षक सेवा से बर्खास्त, ग्राम प्रधान की शिकायत पर हुई कार्रवाई

गोंडा। हत्या के मामले में आजीवन कारावास की सजा पा चुके तरबगंज ब्लाक के कंपोजिट स्कूल जमथा के प्रधानाध्यापक शिव कुमार सिंह को सेवा से बर्खास्त कर दिया गया। बर्खास्त किए गए शिक्षक के खिलाफ 1997 में हत्या व दलित उत्पीड़न का मुकदमा दर्ज किया गया था। इस मामले में निचली अदालत ने वर्ष 2010 में आरोपी शिक्षक को दोषी करार देते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी।

जमानत पर रिहा होने के बाद शिक्षक की बहाली हो गयी थी और वह नौकरी कर रहा था। ग्राम प्रधान की तरफ से की गई शिकायत के बाद जब मामले की जांच हुई तो शिक्षक की बहाली नियमों के खिलाफ पाई गई। विधिक राय लेने के बाद बीएसए ने बुधवार को सजायाफ्ता शिक्षक को सेवा से बर्खास्त कर दिया है।

यह भी पढ़े - Railways: आगरा कैट-फारबिसगंज वाया लखनऊ चलेगी स्पेशल ट्रेन

तरबगंज क्षेत्र के प्राथमिक विद्यालय जनता में तैनात रहे प्रधानाध्यापक शिवकुमार सिंह के खिलाफ वर्ष 1997 में हत्या व एससी एसटी एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज किया गया था। इस मामले में निचली अदालत ने 8 दिसंबर वर्ष 2010 में शिवकुमार सिंह को दोषी करार देते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी और ₹5000 के अर्थ दंड से दंडित किया था।

नौ महीने की सजा काटने के बाद हाईकोर्ट ने 2 सितंबर वर्ष 2011 को शिवकुमार सिंह को जमानत पर रिहा करने का आदेश दिया था रिहाई मिलने के बाद शिवकुमार सिंह को पुनः बहाल कर दिया गया वर्तमान में वह कंपोजिट स्कूल जमता में प्रधानाध्यापक के पद पर कार्यरत थे। इस मामले में जमथा गांव के ग्राम प्रधान वेंकटेश्वर कुमार पांडेय ने जिलाधिकारी को शपथ पत्र देते हुए शिकायत दर्ज कराई थी।

ग्राम प्रधान ने प्रधानाध्यापक शिवकुमार सिंह पर स्कूल की महिला शिक्षिकाओं के साथ अमर्यादित आचरण करने, स्कूल के बच्चों से सिगरेट मंगाने और सिगरेट पीकर उसका धुंआ महिला शिक्षिकाओं के ऊपर छोड़ने का आरोप लगाते हुए इसकी जांच कराए जाने की मांग की थी। जिलाधिकारी ने सिटी मजिस्ट्रेट व जिला विद्यालय निरीक्षक की दो सदस्यीय टीम को मामले की जांच सौंपी थी।

दोनों अफसरों की टीम ने जांच की तो आरोप सही पाए गए। इसके बाद सजायाफ्ता शिक्षक शिवकुमार सिंह की बहाली को लेकर शासकीय अधिवक्ता फौजदारी से विधिक राय मांगी गई थी। शासकीय अधिवक्ता ने प्रकरण का सम्यक अध्ययन व अनुशीलन करने के बाद अपनी रिपोर्ट जिलाधिकारी को सौंपी। रिपोर्ट में कहा गया कि विधिक रूप से दोष सिद्ध अपचारी कर्मचारी को तब तक सेवा में बहाल नहीं किया जा सकता जब तक दोष सिद्ध निर्णय को सक्षम अपीलीय न्यायालय द्वारा स्थगित या अपास्त न कर दिया गया हो।

साथ ही विधिक रूप से अपचारी कर्मचारी के जेल में निरूद्ध रहने की अवधि के वेतन का भुगतान किसी भी दशा में प्रदान नहीं किया जा सकता है। सिटी मजिस्ट्रेट व जिला विद्यालय निरीक्षक की जांच रिपोर्ट तथा शासकीय अधिवक्ता की विधिक राय के बाद जिलाधिकारी नेहा शर्मा व मुख्य विकास अधिकारी एम अरुन्नमौली ने सजायाफ्ता शिक्षक को सेवा से बर्खास्त किए जाने पर सहमति व्यक्त की थी। अफसरों की सहमति के बाद बीएसए प्रेमचंद यादव ने नौकरी कर रहे सजायाफ्ता शिक्षक शिवकुमार सिंह को सेवा से बर्खास्त कर दिया है।

Edited By: Ballia Tak

खबरें और भी हैं

Copyright (c) Ballia Tak All Rights Reserved.
Powered By Vedanta Software