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Bareilly News: खाद्यान्न की हेराफेरी और जिले में लंबे समय से तैनाती के कारण विवाद, एसडब्ल्यूसी आरएम को हटाएं, मेयर-सांसद का सीएम को पत्र,
सीएम योगी(फाइल फोटो)
बरेली: रसुइया गोदाम में खाद्यान्न की हेराफेरी और जिले में लंबे समय से तैनाती के कारण विवादों में घिरे एसडब्ल्यूसी (छाए राज्य भंडारण निगम) के आरएम एसएन यादव का ट्रांसफर करने के लिए आंवला सांसद धर्मेंद्र कश्यप और मेयर उमेश गौतम ने मुख्यमंत्री और सहकारिता मंत्री को लिखी है। एसएन यादव को सपा का करीबी और भ्रष्ट अफसर बताने के साथ कई और भी गंभीर आरोप लगाए गए हैं।
धर्मेंद्र कश्यप ने चिट्ठी में लिखा है कि आरएम एसएन यादव निरंकुशता के साथ प्रदेश सरकार की भ्रष्टाचार मुक्त विचारधारा के खिलाफ काम कर रहे हैं। लंबे समय से बरेली में तैनात होने से उनकी मनमानी चल रही है। हाल ही रसुईया गोदाम से 105 बोरी खाद्यान्न चोरी में भी उनका नाम आया था। वह सरकार की छवि धूमिल कर रहे हैं।
खुद फंसे तो डिपो प्रभारी पर गिरा दी थी गाज
दिसंबर में रसुईया गोदाम से 105 बोरी खाद्यान्न चोरी होने के मामले में एफसीआई और एसडब्ल्यूसी के अफसर आमने-सामने आ गए थे। एफसीआई के डिपो प्रभारी ओमकार सिंह का दावा था कि उन्होंने बगैर गेटपास गोदाम से ट्रक में ले जाया जा रहा 105 बोरी राशन पकड़ा थी।
इसके बाद एफसीआई के क्षेत्रीय प्रबंधक सुनील कुमार ने कमेटी बनाकर जांच कराई जिसमें 105 बोरी राशन ज्यादा पाया गया। एसडब्ल्यूसी के आरएम एसएन यादव ने अलग कमेटी बनाकर जांच कराई और स्टॉक में कोई गड़बड़ी होने से इन्कार कर दिया। हालांकि बाद में खुद फंसने लगे तो गोदाम प्रभारी दिनेश यादव पर कार्रवाई कर दी। गोदाम प्रभारी से भी 105 बोरी राशन की कीमत के तौर पर करीब 1.43 लाख रुपये की कटौती कर ली गई है।
रजिस्टर पर लिख दिया...पैसा मांगते हैं आरएम
पिछले दिनों आरएम एसएन यादव पर एक ठेकेदार ने पैसा मंगाने के आरोप लगाए थे। उसने एसडब्ल्यूसी कार्यालय के आगंतुक रजिस्टर पर ऑफिस आने की वजह वाले कॉलम में लिख दिया था कि आरएम पैसा मांगते हैं। आरएम ने कुछ समय बाद पत्र लिखकर सफाई दी थी कि सपा नेता और उनका ठेकेदार बेटा सरकार की छवि खराब करना चाहते हैं। लेखा विभाग के कर्मचारियों इस आरोप में स्पष्टीकरण भी मांगा कि वे गोपनीय कागज लीक कर देते हैं।
एफसीआई के डिपो मैनेजर को मलाईदार गोदाम का चार्ज
रसुइया स्थित गोदाम से खाद्यान्न चोरी के मामले में एफसीआई के डिपो मैनेजर ओमकार सिंह की भी भूमिका जांच में संदिग्ध मिली थी। उसने पकड़े गए खाद्यान्न की बोरी सील करने समेत कोई प्रक्रिया नहीं अपनाई थी। इतना ही पूरा मामला ही फर्जी बताया जा रहा था। इस मामले में डिपो प्रभारी ओमकार सिंह पर भी कार्रवाई करने की बात कही गई। लेकिन उसके रसूख के आगे बैकफुट पर आए एफसीआई के अफसरों ने रसुईया से हटाकर सीबीगंज स्थित मलाईदार गोदाम का चार्ज दे दिया।
अफसरों ने साधी चुप्पी..कहां गया खाद्यान लदा ट्रक
एफसीआई के मंडल प्रबंधक सुनील कुमार का कहना था कि डिपो प्रभारी ओमकार सिंह ने बिना गेट पास के 105 बोरी खाद्यान्न गोदाम से ट्रक ले जाते समय पकड़ा था, लेकिन किस ट्रक में खाद्यान्न पकड़ा, ट्रक का नंबर, ट्रक पकड़ने के दौरान किसी सक्षम अधिकारी को जानकारी न देना, ट्रक सीज क्यों नहीं किया ऐसे कई सवालों के जवाब उनके पास आज भी नहीं है। इधर, सूत्रों की मानें तो एफसीआई और एसडब्लूसी की जांच में झोल है। कहा जा रहा है कि जिस दिन का घटनाक्रम बताया गया है उसे दिन ओमकार सिंह पीलीभीत जिले में थे।