बरेली: ग्रीन पटाखे बिके...ध्वनि तीव्रता मानकों के अनुरूप तो दो दिन तक कैसे छाई रही धुंध

बरेली : दीपावली पर शहरवासियों ने करोड़ों रुपये के पटाखे जलाए। जिन पटाखों को ग्रीन समझकर त्योहार मनाया, उन्हीं पटाखों से दो दिन तक शहर की हवा खासी प्रदूषित रही। दीपावली के बाद प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की एक रिपोर्ट सामने आई है, जिसमें शहर में बिकने वाले 15 ब्रांड के पटाखों के सैंपल जांच में सीपीसीबी (केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड) के मानकों के अनुरूप पाए गए। रिपोर्ट जिला प्रशासन को भेजी गयी है।

क्षेत्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के कार्यालय से जिलाधिकारी को जारी रिपोर्ट में बताया गया है कि 15 ब्रांड के पटाखों के सैंपल लेकर जांच की गयी। जांच में सिंगल पटाखों की औसतन ध्वनि तीव्रता 80.5 डेसिबल और अधिकतम ध्वनि तीव्रता 87.6 डेसिबल पाई गई। लड़ी वाले पटाखों की औसतन ध्वनि तीव्रता 90.1 डेसिबल और अधिकतम ध्वनि तीव्रता 95.3 डेसिबल मापी गयी।

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ऐसे में सवाल यह उठ रहा है कि जब पटाखे ग्रीन श्रेणी के थे और इन पटाखों में आग लगने पर ध्वनि तीव्रता भी मानकों के अनुरूप थी तो शहरी क्षेत्र में दो दिन तक हवा में प्रदूषण की परत क्यों छाई रही। दीपावली पर क्षेत्रीय प्रदूषण नियंत्रण विभाग की टीम ने इस्लामिया इंटर कॉलेज के ग्राउंड में लगाई गई अस्थायी पटाखा दुकानों का निरीक्षण कर 15 ब्रांड के पटाखों के सैंपल लिये थे।

इसमें दुकानों पर श्री चिदम्बरम, श्री अमर, श्री राजेश्वरी, श्री वेल, मोरी, एटलस, हिंदुस्ताान, श्रीराम, करौदा, सुप्रीम, अम्बे, सुमेश, श्री कालेश्वरी (कॉक), सोनी और मलैथी ब्रांड के पटाखों की बिक्री पाई गई।  सीएसआईआर (वैज्ञानिक और औद्योगिक अनुसंधान परिषद) के ऑनलाइन उपलब्ध पंजीकृत ग्रीन पटाखा निर्माताओं की सूची में ये ब्रांड दर्ज पाए गए। इसके साथ सीएसआईआर से प्रमाणित ग्रीन श्रेणी भी दर्ज थी।

निरीक्षण के दौरान दुकानों से पटाखों के सैंपल लेकर जांच की गयी। क्षेत्रीय अधिकारी रोहित सिंह की जांच आख्या के अनुसार सभी पटाखों की ध्वनि तीव्रता सीपीसीबी (केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड) मानकों के अनुरूप पाई गई। पटाखों के सैंपलों की जांच प्रयोगशाला सहायक लक्ष्मी नारायण, अनुश्रवण सहायक श्याम बाबू द्विवेदी, वैज्ञानिक सहायक और सहायक पर्यावरण अभियंता के स्तर से की गयी। शिकायतकर्ता राहुल सिंह निवासी चौपुला बगिया ने आईजीआरएस पर शिकायत दर्ज कराई थी।

Edited By: Ballia Tak

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