- Hindi News
- उत्तर प्रदेश
- बलिया
- Flood In Ballia : सरयू नदी का कहर जारी, बाढ़ राहत केन्द्र पर सभी सुविधाएं उपलब्ध
Flood In Ballia : सरयू नदी का कहर जारी, बाढ़ राहत केन्द्र पर सभी सुविधाएं उपलब्ध
बैरिया, बलिया। सुरेमनपुर दियारांचल गोपालनगर टाड़ी में सरयू नदी का तांडव जारी है। टाड़ी बस्ती के पास शुक्रवार को भी सरयू नदी का तेवर तल्ख था।
बैरिया, बलिया। सुरेमनपुर दियारांचल गोपालनगर टाड़ी में सरयू नदी का तांडव जारी है। टाड़ी बस्ती के पास शुक्रवार को भी सरयू नदी का तेवर तल्ख था। फलस्वरूय लगातार कटान जारी है। शुक्रवार को करीब 30 मीटर चौड़ाई 2 किलोमीटर लंबाई में उपजाऊ खेत सरयू नदी में विलीन हो गया। इस बीच बाढ़ विभाग का फ्लड फाइटिंग से होने वाला कार्य की गति धीमी हो गई है। मौके पर बाढ़ विभाग का कोई भी अभियंता या अवर अभियंता शुक्रवार को मौजूद नहीं था। अलबत्ता कुछ मजदूर बोरियों में मिट्टी भरकर कटान स्थल पर डाल रहे थे। उस जगह झाड़ झंकाड़ डालते देखा गया। कुल मिलाकर अभी भी कटान के खतरे से गोपालनगर टाडी के लोग त्रस्त हैं।
कम्पोजिट विद्यालय गोपालनगर के जगह पर प्राथमिक विद्यालय गोपाल नगर एक को बाढ़ राहत केंद्र बनाकर कटान पीड़ितों के लिए सारी आवश्यक सुविधाएं प्रशासन की तरफ उपलब्ध करा दी गई हैं। कटान पीड़ितों को सोने के लिए गद्दा की व्यवस्था कराई गई है। वही फंखा व लाइट के अलावा भोजन व पशु चारा की भी व्यवस्था की गई हैं। बिजली नही रहने पर जनरेटर की व्यवस्था है। व्यवस्था की देखरेख के लिए तीन लेखपालों के अलावा स्वास्थ्यकर्मियों, रोजगार सेवक व पुलिसकर्मियों को भी जिम्मेदारी सौंपी गई हैं। बावजूद इसके अभी तक अपेक्षा से कम लोग बाढ़ राहत केंद्र में पहुँचे हैं। स्थानीय लोगों की माने तो जिनका घर कटान के मुहाने पर है उनकी घर की महिलाएं, बच्चे, मवेसी अन्यत्र स्थान पर चले गए है। पुरुष सदस्य दिन भर अपने घरों व खेतो की देखभाल के लिए रहते है सूरज ढलने के बाद किसी ना किसी रिश्तेदारी में चले जाते है, जो कटान क्षेत्र से दूर है।
हमेशा सक्रिय दिख रहे बैरिया एसडीएम
उपजिलाधिकारी बैरिया आत्रेय मिश्र ने बताया कि बाढ़ राहत केंद्र पर सभी व्यवस्थाएं उपलब्ध करा दी गई है। सोने, रहने, खाने, रोशनी, पानी व चिकित्सा सब कुछ की नि:शुल्क उत्तम व्यवस्था की गई है। लेखपाल घर घर जाकर लोगों से बाढ़ राहत केंद्र में शरण लेने का आग्रह कर चुके हैं, जो लोग बाढ़ राहत केंद्र में पहुंचे हैं। उन्हें सभी तरह की सुविधाएं उपलब्ध करा दी गई है। मैं स्वयं कटान वह बाढ़ राहत केंद्र का दिन में कम से कम दो बार मौके पर जाकर निरीक्षण करता हूं।