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पाकिस्तान की बौखलाहट
पाकिस्तान अपनी नापाक हरकतों से बाज नहीं आ रहा है। गुरुवार रात को जम्मू-कश्मीर में सीमा से सटे अरनिया सेक्टर इलाके में पाकिस्तान ने एक बार फिर फायरिंग की। यह गोलीबारी ऐसे समय की गई जब सुरक्षाबलों ने पांच आतंकवादियों को मार गिराया और घुसपैठ की कोशिश को नाकाम कर दिया।
आतंकवादी जम्मू कश्मीर में शांति बिगाड़ने के लिए लगातार कोशिशें करते हैं। आतंकियों की घुसपैठ,ड्रोन के जरिए हथियार व नशीले पदार्थों की तस्करी भी करा करा रहा है। गौरतलब है कि बढ़ते कर्ज के दबाव व रिकॉर्ड तोड़ महंगाई से जूझते पाकिस्तान को आज सुरक्षा, आर्थिक व राजनीतिक संकटों का सामना करना पड़ रहा है।
पाकिस्तान में महंगाई दर वर्तमान में 30 प्रतिशत से अधिक है जो पिछले कई वर्षों में सर्वाधिक है। इससे आम लोगों के लिए खाद्य एवं ईंधन जैसी बुनियादी आवश्यकताओं का वहन कर सकना कठिन हो रहा है। पाकिस्तानी रुपया पिछले एक वर्ष में अमेरिकी डॉलर की तुलना में अपने मूल्य का 30 प्रतिशत से अधिक खो चुका है।
पाकिस्तान अपनी घरेलू समस्याओं से ध्यान हटाने या सरकार या सेना के पीछे जनता का समर्थन जुटाने के लिए आतंकवादी समूहों का समर्थन करने या संघर्ष विराम समझौते का उल्लंघन करने के रूप में भारत को उकसाने की कार्रवाई करता रहा है। हमारे सुरक्षा बल सर्दियों में घुसपैठ की घटनाओं में वृद्धि की आशंका से निपटने के लिए पूरी तरह तैयार हैं।
इस वर्ष एलओसी पर ही लगभग 40 आतंकी घुसपैठ का प्रयास करते हुए मारे गए हैं। उधर पाकिस्तान में राजनीति ने एक बार फिर नई करवट ली है। पाकिस्तान में पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ की वापसी के गहरे निहितार्थ हैं। मौजूदा स्थिति यह है कि सेना से टकराव के चलते इमरान खान इन दिनों जेल में हैं। लेकिन पाकिस्तान में उनकी लोकप्रियता काफी बढ़ी है। इमरान की लोकप्रियता कम करने के लिए ही लंदन से नवाज शरीफ को पाकिस्तान वापस बुलाया गया है।
भारत को लेकर परोक्ष रूप से नवाज शरीफ ने कहा कि कोई भी देश अपने पड़ोसियों से लड़ते हुए प्रगति नहीं कर सकता। लेकिन उन्हें यह भी समझना होगा कि भारत की सीमाओं पर आतंकवादियों की सक्रियता और नशे की खेप भेजने की साजिश बंद किए बिना दोनों देशों के संबंध सामान्य होना मुश्किल ही है।