भारतीयों की बढ़ी मांग

दुनिया के कई देशों में भारतीय कामगारों की मांग बढ़ रही है। हाल ही में इजराइल ने बढ़ी संख्या में भारतीय कामगारों की मांग की। भारत पहले ही 40 हजार से अधिक कामगारों को इजराइल भेजने के लिए समझौते पर हस्ताक्षर कर चुका है। 

सरकार की इस पहल का स्वागत किया जाना चाहिए। वहीं अब ताइवान भी ऐसा नियम बना रहा है जिससे भारतीय कामगार वहां काम करने के लिए आकर्षित हो सकें और इसके लिए भारत सरकार के साथ बातचीत भी चल रही है। सवाल है कि भारतीय कामगारों की मांग की वजह क्या है  क्या इसके पीछे स्थानीय कारण हैं या अंतर्राष्ट्रीय राजनीति? 

गौरतलब है कि 7 अक्टूबर के हमले के बाद इजरायल में कार्य ठप हैं। पिछले दिनों प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इजराइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू के साथ  भारतीय श्रमिकों के इजराइल आगमन में तेजी लाने की बात की। जानकारों के मुताबिक यूनान ने भारत से संपर्क किया है कि वह कृषि क्षेत्र में काम करने वाले लगभग 10 हजार कामगारों को उसके यहां भेजे। 

इटली भी अपने विभिन्न शहरों के नगर निकायों में काम करने के लिए लोगों की तलाश में है। मेहनत और कुशलता की वजह से  भारतीय कामगार पहली पंसद बन रहे हैं। ऐसे में भारत को हर हाल में अलग-अलग क्षेत्रों में लोगों को कौशल प्रशिक्षण देने और इसका बेहतर माहौल बनाने की जरूरत है। साथ ही खाड़ी देशों में काम करने वाले भारतीयों के कटु अनुभवों के आधार पर सरकार को निगरानी व्यवस्था चौकस बनानी होगी। 

अंतर्राष्ट्रीय श्रम संगठन के अनुसार खाड़ी देशों में करीब 90 लाख भारतीय मजदूर हैं। वहां उन्हें अनेक समस्याओं का सामना करना पड़ता है। गत 14 दिसंबर को लोकसभा में एक प्रश्न के उत्तर में विदेश मंत्रालय की ओर से जानकारी दी गई कि खाड़ी देशों में उपलब्ध आंकड़ों के अनुसार, मार्च 2021 से दिसंबर 2023 की अवधि के दौरान भारतीय कामगारों से 33,252 शिकायतें प्राप्त हुईं।

 इनमें वेतन के भुगतान में विलंब, वेतन का भुगतान न करने, जबरन पासपोर्ट रख लेने, अनुचित कार्य परिस्थितियों, घटिया आवास, विस्तारित कार्य घंटे, दुर्व्यवहार व उत्पीड़न आदि से संबंधित शिकायतें शामिल थीं। कहा जा सकता है जहां लोग कानूनी रूप से काम करने के लिए विदेश जाते हैं, वहां के मामलों को सुलझाना अधिकारियों के लिए आसान होता है, लेकिन जहां अवैध तरीके से दलालों के माध्यम से जाते हैं, वहां परेशानी बढ़ जाती है। 

भारत जैसे विशाल देश में अभी तक विदेश जाने वाले श्रमिकों के आकार और महत्व को सही ढंग से पहचाना नहीं जा सका है। इसलिए सरकार के पास विदेशों में रहने वाले सभी भारतीय कामगारों की कार्य स्थितियों की निगरानी और शिकायत निवारण हेतु सुदृढ़ तंत्र उपलब्ध होना चाहिए।

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Edited By: Ballia Tak

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